लोगों को हैं अंग दान से जुड़े ये भ्रम, जानिए इनकी सच्चाई
अंग दान को महादान कहा जाता है क्योंकि इसमें एक इंसान अपने स्वस्थ अंगों और टिश्यूज को दान देता है और भविष्य में इन अंगों को किसी दूसरे जरूरतमंद शख्स के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाता है। हालांकि कई लोगों इसके बारे में सही जानकारी नहीं है, इसलिए वे कुछ भ्रमक बातों में आकर इस काम को करने से डरते हैं। आइए आज आपको अंग दान से जुड़े कुछ भ्रम और उनकी सच्चाई बताते हैं।
भ्रम- कोई भी व्यक्ति अंग दान कर सकता है
इस नेक काम से जुड़ा एक भ्रम यह है कि कोई भी व्यक्ति अंग दान कर सकता है, जबकि ऐसा नहीं है। कुछ चिकित्सकीय समस्याएं किसी को भी अंग दान करने में अयोग्य कर देती हैं। अंग का इस्तेमाल करने का निर्णय सिर्फ चिकित्सक मानदंडों पर आधारित होता है। अगर कोई व्यक्ति कैंसर, HIV या फिर किसी संक्रमण से ग्रस्त है तो उसके अंगों का दान नहीं लिया जा सकता है।
भ्रम- डोनर के परिवार से अंगों को दान करने का शुल्क लिया जाता है
यह भी सिर्फ एक भ्रम है कि डोनर के परिवार से अंगों को दान करने का शुल्क लिया जाता है, जबकि ऐसा नहीं है। किसी भी डोनर के परिवार से अंगों के दान के लिए शुल्क नहीं लिया जाता है। हालांकि अगर किसी परिवार को लगता है कि उन्हें इससे जुड़ा कोई बिल दिया गया है तो उसे तुरंत अंग खरीदने वाले स्थानीय संगठन से संपर्क करना चाहिए और मामले की जांच करानी चाहिए।
भ्रम- 18 साल से कम उम्र के लोग अंग दान का फैसला नहीं ले सकते हैं
कई लोगों का ऐसा मानना है कि 18 साल से कम उम्र के लोग अंग दान का फैसला नहीं ले सकते हैं, लेकिन यह सिर्फ एक भ्रम है। ऐसे लोग चाहें तो अपने माता-पिता से अंग दान करने की इच्छा व्यक्त कर सकते हैं और आपके माता-पिता इसके लिए अपनी सहमति दे सकते हैं। दरअसल, कुछ बच्चों को भी अंग ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है और इसके लिए बच्चों के अंगों की जरूरत पड़ती है।
भ्रम- उम्र ज्यादा होने पर अंग दान नहीं किया जा सकता है
यह भी सिर्फ एक भ्रम के अलावा और कुछ नहीं है कि उम्र ज्यादा होने पर अंग दान नहीं किया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंग दान करने की कोई निर्धारित उम्र नहीं है। अंगों का इस्तेमाल करने का निर्णय सिर्फ चिकित्सक मानदंडों पर आधारित होता है, न कि उम्र पर। इसलिए इस बात पर विश्वास न करें और इस नेक काम में अपना योगदान देने पर विचार करें।