गणेश चतुर्थी: देश के ये 5 गणेश मंदिर हैं प्रसिद्ध, एक बार जरूर करें रुख
गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान गणेश के जन्म से जुड़ा है, जिसे देशभर में बड़े ही उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 7 सितंबर (शनिवार) से शुरू है। अगर आपकी वीकेंड पर छुट्टी रहती है तो गणेशोत्सव की शुरूआत का आनंद लेने के लिए देश के किसी न किसी प्रसिद्ध गणेश मंदिर का रुख कर सकते हैं। आइए देश के प्रसिद्ध गणेश मंदिरों के बारे में जानें।
उची पिल्लयार कोइल मंदिर
यह मंदिर तमिलनाडु के त्रिची में रॉक किला के शीर्ष पर स्थित है। भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर करीब 273 फीट की ऊंचाई पर है और मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 400 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैंय़ ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना रावण के भाई विभीषण के कारण हुई थी। इस मंदिर का परिसर बहुत काफी बड़ा है और यहां आकर आपको एक अलग ही अनुभव मिलेगा, खासतौर से गणेश चतुर्थी के दौरान।
मधुर महागणपति
केरल में मधुरवाहिनी नदी के तट पर स्थित इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ है। कहा जाता है कि पहले यह भगवान शिव का मंदिर था, लेकिन एक दिन वहां के पुजारी के छोटे बेटे ने मंदिर की दीवार पर भगवान गणेश की आकृति बना दी थी। माना जाता है कि उस लड़के द्वारा मंदिर के गर्भगृह की दीवार पर बनी गणेश की आकृति धीरे-धीरे काफी बड़ी हो गई। तभी से यह मंदिर गणेश को समर्पित कहलाने लगा।
सिद्धिविनायक मंदिर
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है और यह भगवान गणेश को समर्पित है। यहां के गणेश को नवसाचा गणपति भी कहा जाता है। इसका मतलब है कि इस मंदिर में जाने से कामनाएं जल्दी पूरी होती हैं। यह मंदिर राज्य की सबसे पुरानी इमारतों में से एक है और इसे साल 1801 में बनाया गया था। इसके अलावा यहां किसी भी धर्म के लोगों के प्रवेश पर पाबंदी नहीं है।
बड़ा गणेश मंदिर
उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित बड़े गणेश मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा में से एक है। आपको जानकर हैरानी होगा कि यहां की भगवान गणेश की प्रतिमा को सीमेंट से नहीं, बल्कि इसमें गुड़, मेथी के दानों, ईंट, चूना और रेत का इस्तेमाल भी किया गया है। साथ ही प्रतिमा बनाने के लिए सभी पवित्र तीर्थ स्थलों का जल भी इस्तेमाल किया गया है।
त्रिनेत्र गणेश मंदिर
राजस्थान के रणथंभौर में स्थित यह मंदिर भारत का सबसे पुराना भगवान गणेश को समर्पित मंदिर है। यह मंदिर अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों में स्थित है। इस मंदिर में भगवान गणेश की पहली त्रिनेत्री मूर्ति मौजूद है, जिसमें उनके तीसरे नेत्र को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर में जाकर सच्चे मन से मांगी मुराद जरूर पूरी होती है, इसलिए इस गणेश चतुर्थी के अवसर पर यहां जरूर जाएं।