मुंबई में अगले 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट, मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी
लगातार दो दिन से हो रही भारी बारिश के बीच मुबंई समेत चार इलाकों में 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया है। बारिश के कारण आज स्कूलों को बंद रखा गया और ट्रेनें देरी से चलीं। शहर के कई हिस्सों में ट्रैफिक की रफ्तार भी लगभग थम गई। कुछ दिन पहले भी मुंबई को लगभग ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था और शहर में कई दिन तक अलर्ट रहा था।
अगले 24 घंटे में 200 mm से अधिक बारिश की भविष्यवाणी
भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ में रेड अलर्ट घोषित करते हुए अगले 24 घंंटे में 200 mm से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है। इससे पहले बुधवार को मुंबई और आसपास के कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई। मुंबई के विले पार्ले फायर स्टेशन पर 130.05 mm बारिश दर्ज की गई। वहीं अंधेरी पूर्व में 118.36 mm, अंधेरी पश्चिम में 88.4 mm और कुर्ला फायर स्टेशन पर 79.96 mm बारिश दर्ज की गई।
आज स्कूल रहे बंद, ट्रेन सेवाओं पर भी पड़ा असर
भारी बारिश के बीच आज मुंबई में स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया। BMC ने जिन स्कूलों में छात्र आ चुके थे, उनके प्राध्यापकों को छात्रों सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा। बारिश का असर ट्रेन सेवाओं पर भी पड़ा और कई ट्रेनें देरी से चलीं। ठाणे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनल स्टेशन के बीच जलभराव के कारण ट्रेन सेवाओं को कुल समय के लिए निलंबित भी किया गया।
NDRF की टीमों ने 1300 लोगों को सुरक्षित निकाला
भारी बारिश के कारण ठाणे के तुलिंज पुलिस स्टेशन में घुटनों तक पानी भर गया। इस बीच NDRF की टीमों ने लगभग 1300 को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। बारिश और जलभराव का घाटकोपर, दादर और चंबूर सहित कई इलाकों में ट्रैफिक पर भी असर देखने को मिला और इन इलाकों में ट्रैफिक की रफ्तार लगभग थम सी गई। हालांकि छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बारिश की वजह से कोई बड़ा व्यवधान नहीं पड़ा।
पुलिस स्टेशन में भरा पानी
गणेश चतुर्थी महोत्सव पर भी हुआ असर
मुंबई में इस समय गणेश चतुर्थी का महोत्सव भी चल रहा है और बारिश का असर इस पर भी देखने को मिला। सोमवार से शुरू हुआ हिंदुओं का ये त्यौहार 12 दिन तक चलता है और मुंबई में इसे बड़ी धूमधाम से बनाया जाता है। सभी गणपति पांडालों की व्यवस्था देखने वाली बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने प्रशासन से उनकी बिजली बंद करने को कहा। कई पांडालों में पानी भरने के बाद समिति ने ये फैसला लिया था।