पहले 15 अगस्त नहीं, 26 जनवरी को मनाया जाता था 'स्वतंत्रता दिवस'; जानिए ऐसे महत्वपूर्ण तथ्य
इस साल देश 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाएगा। यह दिन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, देश के इतिहास, संस्कृति और देश समग्र उपलब्धियों का सम्मान करता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि आजादी से पहले 15 अगस्त को नहीं, बल्कि 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। आइए जानते हैं कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने का सिलसिला कब से शुरू हुआ और अन्य महत्वपूर्ण तथ्य।
26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस कितनी अवधि तक और क्यों मनाया गया?
साल 1929 में जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पूर्ण स्वराज यानी ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता का आह्वान किया। इस आह्वान के बाद कांग्रेस ने हर साल 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला लिया। कांग्रेस साल 1930 से 1947 में भारत को आजादी नहीं मिलने तक, इसी दिन स्वतंत्रता दिवस मनाती रही। साल 1950 में संविधान लागू होने के बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया।
इस तरह 15 अगस्त बनी स्वतंत्रता दिवस की तारीख
15 अगस्त, 1947 वह तारीख है जब भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम लागू हुआ। इस अधिनियम ने विधायी संप्रभुता को भी हस्तांतरित कर दिया, जिसे भारत के लोगों द्वारा चुना गया था। यह अधिनियम 18 जुलाई, 1947 को स्वीकारा गया और 14 अगस्त को बंटवारे के बाद 15 अगस्त, 1947 को मध्यरात्रि 12 बजे भारत की आजादी की घोषणा की गई। इसके बाद से हर साल 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाने लगा।
आखिर लाल किले पर ही क्यों फरहाया जाता है तिरंगा?
15 अगस्त, 1947 को तिरंगा फहराने के लिए देश की 2 जगहों का विकल्प था। पहला रायसीना हिल्स (जहां राष्ट्रपति भवन है) और दूसरा लाल किला। रायसीना हिल्स को तिरंगा फहराने के लिए उपयुक्त नहीं माना गया क्योंकि उस समय वहां लॉर्ड माउंटबेटन रह रहे थे। इसलिए लाल किले पर उस समय के प्रधानमंत्री नेहरू ने तिरंगा फहराया था और तब से अब तक लाल किले पर ध्वजारोहण की परंपरा है।
साल 1950 तक नहीं था राष्ट्रगान
कई लोग इस बात से भी अनजान होंगे कि साल 1950 तक हमारे पास राष्ट्रगान नहीं था। आज जिस राष्ट्रगान को देश के गौरव के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, उनको साल 1950 में पहली बार इस्तेमाल किया गया था। यह साल 1911 में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा बंगाली में लिखे गए गीत 'जन गन मन' का हिंदी स्वरूप है। अब इन्हीं शब्दों को देश की हर कामयाबी के जश्न पर राष्ट्रीय गान के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
पहले भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में था लाल, पीला और हरा रंग
पहला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान स्क्वायर पर फहराया गया था, जिसका रंग लाल, पीला और हरा था। हालांकि, साल 1931 में तिरंगे झंडे को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया था और इसके रंग में बदलाव करके इसमें केसरिया, सफेद, हरे रंग के साथ बीच में अशोक चक्र बनाया गया। इसके बाद भारतीय तिरंगे को आधिकारिक तौर पर 22 जुलाई, 1947 को अपनाया गया था।