गणेश महोत्सव: गणपति स्थापना में भूल से भी न करें ये गलतियां
कुछ ही घंटों के बाद गणपति महोत्सव का आगाज होने ही वाला है और बहुत से लोग इस दिन अपने घरों में 10 दिन तक भगवान गणपति की स्थापना करके पूरे श्रद्धा भाव से उनकी पूजा अर्चना करते हैं, लेकिन बहुत से लोग अंजाने में ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं जिनके कारण विघ्नहर्ता नाराज हो सकते हैं। इसलिए आज हम आपको उन्हीं गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे आपको बचना चाहिए ताकि विघ्नहर्ता आपसे प्रसन्न रहें।
काले या नीले आसन का न करें चयन
जब आप घर में गणपति की स्थापना करें तो बप्पा की मूर्ती के नीचे काले या नीले रंग का आसन भूल से भी न बिछाएं क्योंकि इस रंग का आसन हो या कपड़े शुभ कार्यों के लिए अशुभ माने जाते हैं। दरअसल, इन रंगों के कारण नकारात्मकता ऊर्जा जल्दी आकर्षित होती है। इसलिए पूजा के दौरान भी काले या नीले वस्त्र न धारण करें। बेहतर होगा अगर आप लाल, पीले और हरे रंग के कपड़ों को अधिक महत्व दें।
तुलसी न करें अर्पित
मान्यताओं के मुताबिक बप्पा को कभी भी भोग में तुलसी दल या तुलसी की पत्तियां अर्पित नहीं करनी चाहिए क्योंकि एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार तुलसी जी ने गणपति की तपस्या भंग करके उनके सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था और इसी बात से गणपति तुलसी से रुष्ट हो गए थे। इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि आज भी भोग में तुलसी अर्पित करने से बप्पा अप्रसन्न हो जाते हैं।
गणपति के स्थान में अंधेरा न करें
ऐसा कहा जाता है कि बप्पा की स्थापना घर के लिए सुख का संदेश मिलता है इसलिए गणपति की स्थापना जिस स्थान पर है उस स्थान को हमेशा प्रकाशमय रखें। उस स्थान पर भूलकर भी अंधेरा न रखें। इसके अलावा जिस स्थान पर गणपति स्थापना हो वहां घर का कोई न कोई सदस्य अवश्य रहना चाहिए क्योंकि बप्पा साल में एक बार आते हैं तो उनका वैसा ही आदर-सत्कार होना चाहिए जैसी हम किसी घर के अतिथि का करते हैं।
कैंची-ब्लेड और लहसुन-प्याज का प्रयोग न करें
10 में से जितने दिनों के लिए आपने अपने घर में गणपति को स्थापित किया है उतने दिनों तक कैंची या ब्लेड आदि का प्रयोग न करें। इसके अलावा बाल, दाढ़ी-मूंछ और नाखून काटने से भी परहेज करें क्योंकि धर्मशास्त्र में इन दिनों में ये काम पूर्ण रूप से वर्जित माने गए हैं। साथ ही इस दौरान खाने में लहसुन-प्याज का प्रयोग भी न करे क्योंकि इसे तामसिक माना जाता है।