प्रकृति से प्रेम है तो भारत के इन गांवों का जरूर करें रूख
जो बात गांव में है..वो बात शहर में कहां, जनाब! सही तो कहा हमनें, तभी तो भारत को गांवों का देश कहा जाता है, क्योंकि यहीं पर भारत का देसीपन और यहां के लोगों का अपनापन महसूस किया जा सकता है। कभी शहरों से निकल कर देखिए गांव की खूबसूरती सुकुन और शांति, मन को एक अलग ही एहसास दिलाती है। तो जीवन में एक बार ही सही, लेकिन भारत के इन चार खूबसूरत गांवों की ओर रूख जरूर करें।
मलाना, हिमाचल प्रदेश
मलाना गांव हिमाचल की कुल्लू घाटी के पास स्थित है, जहां की खूबसूरती आपको अपना दिवाना बना ही देगी। हिमाचल प्रदेश का ये गांव मलाना नदी के तट पर बसा है। इसकी गांव की असली खूबसूरती बर्फीली चोटियां हैं जो सालों तक बर्फ से ढकी रहती है। यहां आने वाले पर्यटक इस गांव के बाहर कैंप लगाकर रुकते हैं, क्योंकि यहां बाहरी लोगों को गांव में जाने और वहां की किसी चीज को छूने की मनाही होती है।
स्मित, मेघालय
जब मेघालय यानि बादलो का नाम आ ही गया है तो जाहिर सी बात है कि इस गांव की खूबसूरती, जन्नत से कम खूबसूरत नहीं होगी। मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 11 किलोमीटर दूर पहाड़ों पर बसा 'स्मित' गांव कुदरत की खूबसूरत चादर ओढ़े हुए नजर आता है। शहर के प्रदूषण से दूर स्मित की हवा में घुली शुद्धता और ताजगी आपके जीवन से तनाव को दूर कर देगी, इसलिए आपका यहां जाना तो बनता है।
खोनोमा, नागालैंड
नागालैंड में स्थित खोनोमा गांव को एशिया का सबसे पहला हरा-भरा गांव घोषित किया गया है। इस गांव में 100 से ज्यादा अलग-अलग प्रजाति के लोग रहते हैं। अगर आप गौर से इस गांव को देखेंगे तो पाएंगे कि खोनोमा में बना हर घर एक दूसरे से जुड़ा हुआ हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यह पूरी जगह घूमने के लिए बेहतरीन है।
मिरिक, पश्चिम बंगाल
दार्जिलिंग के पश्चिम मे बसा एक छोटा सा गांव है मिरिक। हिमालय की वादियों के बीच देवदार से घिरी मिरिक झील यहां के नजारों को और भी खूबसूरत बना देती है। यहां चाय के बागान, जंगली फूलों की चादर, क्रिप्टोमेरिया के पेड़ आने वाले पर्यटकों को खासा लुभाते हैं। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से काफी उन्नत माना जाता है, क्योंकि यहां के प्राकृतिक नजारे और संस्कृति, पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है।