ऐसा क्या बोल गए प्रधानमंत्री मोदी जिस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने की माफी की मांग?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके एक आरोप को साबित करने, वापस लेने या इस पर माफी मांगने की मांग की है। IMA ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया था कि शीर्ष फार्मास्यूटिकल कंपनियों ने डॉक्टरों को रिश्वत के तौर पर महिलाएं मुहैया कराई थीं। डॉक्टरों की देश की सबसे बड़ी संस्था IMA ने कहा कि अगर मोदी अपना आरोप साबित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
IMA ने प्रधानमंत्री के बयान पर जताई आपत्ति
IMA ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा था कि शीर्ष फार्मा कंपनियां डॉक्टरों को रिश्वत के तौर पर लड़कियां उपलब्ध कराई हैं। अगर प्रधानमंत्री ने ऐसा कहा है कि तो IMA इस पर कड़ी आपत्ति जताता है।
IMA ने की डॉक्टरों के नाम सार्वजनिक करने की मांग
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने शीर्ष फार्मा कंपनियों के साथ हुई बैठक में एथिकल मार्केटिंग प्रैक्टिस का जिक्र किया था। IMA ने बयान में लिखा, 'हम जानना चाहते हैं कि क्या सरकार के पास उन कंपनियों की जानकारी थी, जो डॉक्टरों को लड़कियां उपलब्ध कराती हैं। अगर यह जानकारी थी तो उनकी बैठक में बुलाने के बजाय आपराधिक मामला दर्ज क्यों नहीं कराया गया।' IMA ने प्रधानमंत्री कार्यालय से ऐसे डॉक्टरों के नाम जारी करने को कहा है।
आरोप साबित करें या माफी मांगे प्रधानमंत्री मोदी- IMA
IMA ने उम्मीद जताई कि सरकार इन आरोपों को साबित कर पाएंगे। अगर प्रधानमंत्री ने बिना सत्यता जांचे यह बयान दिया है तो उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए। ऐसे बयान असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के काम करते हैं।
क्या फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी सरकार- IMA
लगभग 3.5 लाख डॉक्टरों की संस्था IMA ने एथिकल मेडिकल प्रैक्टिस के उल्लंघन के बीच सरकार से पूछा है कि क्या वह फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है। दरअसल, ऐसी खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2 जनवरी को बैठक के दौरान फार्मा कंपनियों को चेताया था कि वो एथिकल मेडिकल प्रैक्टिस का उल्लंघन न करें और डॉक्टरों को महिलाओं, विदेश यात्राओं और गैजेट्स को रिश्वत के रूप में डॉक्टरों को न दें।
कहां से शुरू हुई थी बात?
नवंबर में पुणे स्थित सपोर्ट फॉर एडवोकेसी एंड ट्रेनिंग टू हेल्थ इनीशिएटिव्स (SATHI) ने अपनी स्टडी में दावा किया था कि कई डॉक्टर फार्मा कंपनियों से रिश्वत के तौर पर विदेश यात्राएं, टैबलेट, चांदी के सामान, सोने के गहने और पेट्रोल कार्ड तक लेते हैं।
सरकार कीफार्मा कंपनियों के साथ दूसरी बैठक
द प्रिंट पर छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार की यह फार्मा कंपनियों के साथ दूसरी ऐसी बैठक थी जिसमें सरकार ने दवा निर्माताओं को डॉक्टरों को लालच देने से रोकने की चेतावनी दी थी। इससे पहले दिसंबर में फॉर्मा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें सरकार ने फार्मा कंपनियों को दवा और चिकित्सा उपकरणों की मार्केटिंग करते समय सख्ती से नियमों का पालन करने की बात कही थी।