सालों की गुमनामी के बाद चुनाव आयोग ने देश के पहले मतदाता को कैसे ढूढ़ा, जानिए
क्या आप जानते हैं कि वो शख्स कौन था, जो आजाद भारत को वोट डालने वाला पहला नागरिक बना था? अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के रहने वाले श्याम सरन नेगी आजादी के बाद वोट डालने वाले पहले भारतीय हैं। नेगी अब 102 साल के हो चुके हैं। लेकिन नेगी को ढूढ़ने में चुनाव आयोग को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। आइए आपको इस रोचक किस्से के बारे में बताते हैं।
2007 से पहले गुमनामी में थे नेगी
साल 1951 के पहले चुनाव में सबसे पहले वोट डालने वाले 102 वर्षीय नेगी ने इसके बाद हर लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव में वोट दिया है और इस बार भी तैयार हैं। वह जब भी वोट डालने जाते हैं, उन्हें VIP की तरह पूरी मीडिया कवरेज मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है कि हमेशा से ऐसा नहीं था और 2007 में चुनाव आयोग द्वारा उनका पता लगाए जाने से पहले नेगी लगभग 45 साल तक गुमनामी में थे।
IAS मनीष नंदा ने शुरु की थी पड़ताल
दरअसल, IAS मनीषा नंदा को जुलाई 2007 में पहली बार फोटो मतदाता सूची के जरिए नेगी के बारे में पता चला। उन्होंने बताया, "मुझे किन्नौर में बहुत दिलचस्पी थी क्योंकि मुझे पता था कि बर्फबारी वाले इस इलाके में चुनाव देश के बाकी हिस्सों से पहले हुए थे।" उन्होंने बताया कि एक दिन एक फोटो मतदाता सूची आई जिसमें 90 से ऊपर उम्र के मतदाता थे और तब 92 वर्ष के रहे नेगी की उम्र ने उनका ध्यान खींचा।
नेगी ने खुद बताया था, मैं हूं देश का सबसे पहला मतदाता
नंदा ने इसके बाद चुनाव आयोग के अधिकारियों से नेगी के पास जाने को कहा। इसके बाद अन्य IAS एम सुधा देवी ने किन्नौर के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखा और नेगी से मिलने गई। नेगी जहां दूरदराज के गांव कल्पा में रहते हैं। जब देवी नेगी से मिली तो उन्होंने बताया कि वह आजाद भारत के सबसे पहले वोटर थे और अपने पूरे जीवन में वह कभी भी वोट डालने से नहीं चूके।
चुनावी ड्यूटी थी, इसलिए नेगी को मिला पहले वोट डालने का मौका
नेगी के सबसे पहले वोट डाल पाने का किस्सा भी बेहद रोचक है। 1 जुलाई 1917 को जन्मे नेगी उस समय सरकारी स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी। कड़ी सर्दी और बर्फबारी को देखते हुए किन्नौर जिले में पहले चुनाव कराए जा रहे थे। उनके पुत्र चंदर प्रकाश ने बताया, "मेरे पिता ने चुनाव कर्मचारियों से निवेदन किया था कि वह उन्हें पहले वोट डालने दें ताकि वह इसके बाद अपनी ड्यूटी पर जा सकें।"
चुनाव आयोग की पड़ताल में सही पाया गया नेगी का दावा
अधिकारियों ने नेगी का अनुरोध मान लिया और वह वोट डालने वाले देश के पहले नागरिक बने। नेगी के दावे की पड़ताल करने के बाद देवी ने नंदा को सूचना दी, जिन्होंने चुनाव आयोग के दफ्तर में रिकॉर्ड खंगालना शुरु कर दिया। नंदा ने बताया, "हमने 4 महीने तक रिकॉर्ड और फाइलों की पड़ताल की। इस दौरान हमने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में भी पड़ताल की। पहले वोटर को ढूढ़ना इस विषय पर PhD करने के समान था।"
अभिताभ, सहवाग के वीडियो से ज्यादा चला नेगी का वीडियो
बता दें कि 2012 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने नेगी के घर जाकर उन्हें सम्मानित किया था। 2014 में गूगल के वोट जरूर डालने के लिए चलाए गए अपने अभियान के एक वीडियो में भी नेगी को दिखाया गया था। इस वीडियो को इस अभियान के तहत जारी किए गए अभिताभ बच्चन, दिया मिर्जा, अर्जुन रामपाल और वीरेंद्र सहवाग जैसी बड़ी हस्तियों से ज्यादा लोगों ने देखा था और इसे बहुत पसंद किया गया था।