मकर संक्रांति: त्योहार एक, नाम अनेक; आइए जानें इनके बारे में
मकर सक्रांंति का त्योहार देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। राजस्थान और गुजरात में इसे उत्तरायण, उत्तराखंड में उत्तरायणी, तमिलनाडु और केरल में पोंगल और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में 'संक्रांति' कहते हैं। पंजाब, हरियाणा में माघी, उत्तर प्रदेश और बिहार में इसे खिचड़ी के नाम से जानते हैं। मकर संक्रांति से एक दिन पहले पंजाब में यह त्योहार लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मूंगफली, तिल, गजक, रेवडियां आदि बांटी जाती है।
कब और क्यों मनाया जाता है?
मकर संक्रांति का त्योहार पाैष मास की उस तिथि को मनाया जाता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। इसी दिन देश के अलग-अलग राज्यों में नदियों के किनारे माघ मेला लगता है। लोग स्नान के लिए हरियाणा में कुरुक्षेत्र, राजस्थान में पुष्कर और महाराष्ट्र के नासिक आदि स्थानों पर पहुंचते हैं। इसी दिन से कुंभ के पहले स्नान का आरंभ होता है।
राजस्थान और गुजरात
राजस्थान और गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण नाम से जाना जाता है। इस दिन सुबह स्नान के बाद दान-पुण्य करना शुरू हो जाता है। राजस्थान में विवाहित महिलाएं अपनी सास को सुहाग का सामान दान करके आशीर्वाद लेती हैं। इसके साथ ही यह त्योहार गुजरात में उल्लासपूर्वक 'पतंग महोत्सव' के नाम से मनाया जाता है। इस दिन घरों में सूर्य भगवान की पूजा के साथ घेवर, फैनी, तिल के लड्डू तैयार करके भोग लगाते हैं।
तमिलनाडु में पोंगल
तमिलनाडु में मकर संक्रांति के पर्व को पोगंल के नाम से मनाते हैं जो लगातार चार दिन चलता है। खास कर इसे किसानों के लिए मनाया जाता है। इसे पहले दिन भोगी पोगंल, दूसरे दिन सूर्य पोगंल, तीसरें दिन मट्टू और चाैथे और अंतिम दिन कन्या पोगंल के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन घरों और दुकानाें में किसानों के चित्र और आकृतियां बनाते हैं और खाने में दाल-चावल की खिचड़ी बनाकर दान की जाती है।
उत्तर प्रदेश में मकर संकांति
उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति दान पर्व के रूम में मनाई जाती है। इस दिन दान के साथ प्रयागराज में गंगा, यमुना, सरस्वती नदी के तट पर माघ मेला लगता है। इस त्योहार को खिचड़ी का पर्व कहते है। इस दिन सूर्य की पूजा की जाती है और दाल-चावल की खिचड़ी खाने और दान करने की परंपरा है। इस दिन लोग तिल के लड्डू, तिल पट्टी, गजक और मूंगफली के स्वाद का आनंद लेते हैं।
बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र
मकर संक्रांति का त्योहार बिहार और झारखंड में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन खिचड़ी के साथ दही-चूड़ा बनाते हैं। रात के भोजन में तिल से बनी मिठाईयों का सेवन किया जाता है। महाराष्ट्र में इस दिन गूल नामक हलवा बांटने की परंपरा है। इसके साथ ही लोग गजक और तिल के लड्डू देकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं। विवाहित महिलाएं अपनी पहली मकर संक्रांति पर कपास, तेल, गुड़, तिल, रोली आदि चीजें सुहागिन महिलाओं को दान करती हैं।
पंजाब में लोहड़ी का पर्व
पंजाब के साथ-साथ तमिलनाडु में यह त्योहार फसल काटने का होता है। इसलिए किसानों के लिए यह पर्व एक खास महत्व रखता है। पंजाब में इस पर्व को लोहड़ी कहकर पुकारा जाता है। इस दिन संक्रांति की पूर्वसंध्या पर खुले स्थान में आग जलाकर भांगड़ा किया जाता है। परिवार व आस-पड़ाेस के लोग रेवड़ी व मक्की के भुने दानों को उसमें भेंट करते हैं। इसके अलावा नई बहुएं घर-घर जाकर लोहड़ी की मिठाई बांटती हैं।