पुलिस के पास जाने के लिए गांव ने रेप पीड़िता पर लगाया 5,000 रुपये का जुर्माना
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ में पुलिस में रेप की शिकायत करने के लिए रेप पीड़िता पर गांव के बुजुर्गों द्वारा पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने का मामला सामने आया है।
उनका कहना है कि पीड़िता ने ऐसा करके गांव की छवि को धूमिल किया है।
इसके अलावा उसके रेप के आरोपियों पर भी पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
जुर्माना लगाए जाने के बाद पीड़िता दोबारा पुलिस के पास पहुंची जिसके बाद मामले में FIR दर्ज की गई है।
मामला
गांव के दो युवकों ने किया था पीड़िता का रेप
मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले का है। आरोपों के अनुसार, रेप पीड़िता जब पड़ोसी गांव में रहने वाले अपने संबंधियों के यहां जा रही थी, तब दो युवकों ने उसका रेप किया।
संदीप और किशोर नामक इन युवकों ने उसे किसी काम के बहाने बुलाकर उसका रेप किया।
उन्होंने किसी को घटना की सूचना देने पर पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी।
इसके बावजूद पीड़िता अगले दिन पुलिस के पास गई, लेकिन उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई।
बैठक
ग्रामीणों ने बुलाई समुदाय की बैठक, रेप पीड़िता पर लगाया जुर्माना
इस दौरान ग्रामीणों को घटना के बारे में पता चल गया और समुदाय की एक बैठक बुलाई गई।
बैठक में पीड़िता ने अपनी आपबीती बताई और न्याय की मांग की।
हालांकि, गांव के बुजुर्गों ने पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचने के लिए पीड़िता से नाखुशी जाहिर की और इसके लिए उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
उनका कहना है कि इससे गांव की बदनामी हुई है।
आरोपियों पर भी पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
बयान
पीड़िता बोली- शिकायत वापस लेने के लिए डाला गया दबाव
गांव के बुजुर्गों के इस फैसले के बाद पीड़िता ने कहा, "हम गरीब हैं और हम न्याय के लिए पुलिस के पास जाने की कीमत चुका रहे हैं। बैठक में उन्होंने मुझ पर और मेरे परिवार पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला। लेकिन हमारे पास और कोई विकल्प नहीं बचा था।"
वहीं उसकी मां ने कहा, "आरोपियों ने बैठक खत्म होते ही जुर्माना दे दिया, लेकिन हम गरीब परिवार से होने के कारण पैसे नहीं दे पाए।"
पुलिस पर आरोप
पुलिस ने 12 दिन बाद दर्ज की FIR
इसके बाद रेप पीड़िता दोबारा पुलिस के पास गई जिसने आखिरकार घटना के 12 दिन बाद मामले में FIR दर्ज कर ली।
पीड़िता का कहना है कि अगर पुलिस ने पहले ही उसकी शिकायत दर्ज कर ली होती तो ये स्थिति पैदा नहीं होती।
हालांकि पुलिस ने उसके आरोपों को खारिज किया है। संबंधित थाने के इनचार्ज लक्ष्मण प्रसाद ध्रुव ने कहा, "उसने 10 दिन बाद थाने की महिला सेल से संपर्क किया। तब भी उसने कोई रिपोर्ट नहीं लिखवाई।"
जानकारी
प्रसाद बोले- शिकायत के आधार पर दर्ज की FIR
प्रसाद ने कहा कि पुलिस ने बाद में पीड़िता की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की और मामले में जांच चल रही है। पीड़िता पर जुर्माना लगाने वाले ग्रामीणों ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अन्य अजीबोगरीब फैसला
बिहार में पंचायत ने दिया था नाबालिग रेप पीड़िता के बच्चे को बेचने का आदेश
बता दें कि हाल ही में बिहार के मुजफ्फरपुर में भी एक पंचायत के ऐसे ही अजीबोगरीब फैसले का मामला सामने आया था।
यहां पंचायत ने एक 15 वर्षीय रेप पीड़िता को ही उसके रेप के लिए जिम्मेदार ठहराया था और उसके बच्चे को बेचने का आदेश दिया था।
पंचायत ने बच्चे को बेचने से प्राप्त होने वाली राशि को पीड़िता को "मुआवजे" के तौर पर देने का आदेश दिया था।