चेन्नई जल संकट: इडली-डोसा बैटर खरीदने पर ग्राहकों को एक बाल्टी मुफ्त पानी दे रहा दुकानदार
क्या है खबर?
देश किस हद तक जल संकट का सामना कर रहा है, उसका अंदाजा तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से लगाया जा सकता है।
चेन्नई में भूजल सूख चुका है और खराब मानसून ने उनकी समस्याओं को कई गुना बढ़ा दिया है। इस जल संकट ने लोगों के आम जीवन पर भी असर डाला है।
इसका नमूना एक दुकानदार के बोर्ड से देखा जा सकता है, जिसमें एक किलोग्राम इडली-डोसा बैटर खरीदने पर एक बाल्टी पानी मुफ्त देने की बात है।
बयान
दुकानदार ने कहा, कारोबार नहीं है मकसद
त्रिपलीकेन के दुकानदार सीएन पार्थसारथी का कहना है कि इसके पीछे कारोबार का मकसद नहीं है और वह अपने मुनाफे के पैसों से निजी टैंकरों से पानी खरीदेगा।
41 साल से त्रिपलीकेन में रह रहे पार्थसारथी ने कहा कि इलाके में कभी भी पानी की ऐसी कमी नहीं रही।
उन्होंने बताया कि रोजाना करीब 100 लोग बैटर खरीदने उनकी दुकान पर आते हैं, जिसमें से मात्र 10-15 इस ऑफर का फायदा उठाने के लिए योग्य होंगे।
जानकारी
पानी वाले इलाकों में गए कई लोग
पार्थसारथी ने कहा कि सरकार पानी प्रदान करने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही है और लोगों को भी संकट से निपटने के लिए प्रयास करने होंगे। कई लोग त्रिपलीकेन छोड़कर उन इलाकों में रहने चले गए हैं, जहां पानी उपलब्ध है।
चेन्नई जल संकट
क्या है चेन्नई का पूरा जल संकट?
चेन्नई को रोजाना 83 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता होती है।
सरकार का दावा है कि संकट के इस दौर में वह रोजाना 53 करोड़ लीटर पानी शहर को प्रदान कर रही है।
शहर को 4 जलाशयों, पुजहल, चेम्बरमबक्कम, चोलावरम और पूंदी, से पानी प्राप्त होता है और सभी सूखने की कगार पर हैं।
चेन्नई को वीरनम झील के जरिए कावेरी नदी से भी पानी प्राप्त होता है। ये झील भी सूख चुकी है।
कावेरी जल
कर्नाटक नहीं दे रहा पानी
सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बावजूद तमिलनाडु को कावेरी नदी से अपने हिस्से का पानी मिलने में मुश्किल हो रही है।
कर्नाटक ने पानी की अपनी कमी का हवाला देते हुए बांध खोलने से मना कर दिया है।
पिछले एक महीने में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण चार बार बैठकें कर चुका है, लेकिन मामले का कोई समाधान नहीं निकला।
बता दें कि चेन्नई में पिछले 200 से अधिक दिन से बरसात नहीं हुई है।
अन्य मामला
कर्मचारियों को घर से काम करने को बोल चुकी हैं IT कंपनियां
जल संकट इस स्तर पर है कि कई IT कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को बोला है क्योंकि उनके पास पर्याप्त पानी नहीं है।
ओल्ड महाबलीपुरम रोड (OMR) इलाके की 12 IT कंपनियों के लगभग 5,000 तकनीकी विशेषज्ञों को अपनी पसंद की जगह से काम करने को बोला गया था।
वहीं, कई कंपनियों ने कर्मचारियों को पीने के लिए घर से पानी लाने को भी कहा था।
जगह-जगह जल संरक्षण के बोर्ड भी लगाए गए थे।
मन की बात
'मन की बात' में जल संकट पर बोल चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी
चेन्नई के साथ-साथ पूरा देश में जल संकट इस हद तक बढ़ चुका है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार लोगों से जल संरक्षण की मांग कर रहे हैं।
आज 'मन की बात' में देशवासियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा, "जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें।"
प्रधानमंत्री मोदी ने पानी के हर बूंद के संरक्षण की बात कही।