'बिहार के आइंस्टीन' का शव ले जाने को नहीं एंबुलेंस, नीतीश के लिए लगी लाल कालीन
जाने-माने गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का गुरुवार को पटना में निधन हो गया। उनके शव को अस्पताल से ले जाने के लिए प्रशासन घंटो तक एंबुलेंस का इंतजाम नहीं कर पाया, लेकिन जब सूबे के मुखिया नीतीश कुमार उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने पहुंचे तो उनके लिए लाल कालीन बिछाई गई। एंबुलेंस के इंतजार में सिंह का शव काफी देर तक स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। यह हाल तब था जब नीतीश कुमार उनके निधन पर दुख जता चुके थे।
कौन थे वशिष्ठ नारायण सिंह?
बिहार के भोजपुर के रहने वाले 'बिहार के आइंस्टीन' सिंह जब पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे तब वो कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन कैली की नजरों में आए। इसके बाद 1965 में वो अमेरिका चले गए यहां पर उन्होंने पीएचडी पूरी की। उन्होंने गणित के कई फॉर्मूलों पर काम करने के अलावा आंइस्टीन के सापेक्ष सिद्धांत को चुनौती दी थी। कुछ समय NASA में काम करने के बाद वो भारत लौट आए और कई IIT में पढ़ाया।
कहें तो किससे कहें?
लाल कालीन बिछाकर किया गया मुख्यमंत्री का स्वागत
कंप्यूटर से तेज था सिंह का दिमाग!
सिंह की गणना कंप्यूटर के माफिक तेज थी। उनके बारे में कहा जाता है कि NASA में अपोलो मिशन की लॉन्चिंग से पहले कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए थे। कंप्यूटर ठीक होने पर सिंह और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक था।
अस्पताल ने किया एंबुलेंस देने से मना
लंबे समय से सिजोफ्रेनिया से जूझ रहे सिंह को PMCH अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके शव को ले जाने के लिए अस्पताल ने एंबुलेंस नहीं दी, जिस कारण उनके भाई का काफी देर तक शव के साथ खड़े रहना पड़ा। एंबुलेंस के लिए उनसे पांच हजार रुपये की मांग की गई। बाद में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के कहने पर पार्थिव शरीर को पटना से भोजपुर ले जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम हुआ।
बड़ी हस्तियों ने जताया सिंह के निधन पर दुख
सिंह ने निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह कई बड़ी हस्तियों ने दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें वशिष्ठ बाबू के निधन से बहुत दुख हुआ है। उन्होंने अपने ज्ञान से पूरे बिहार का नाम रोशन किया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर शोक जताते हुए ट्विटर पर लिखा, 'हमने एक मणि खोया है ..प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे।'