हरियाणा सरकार की मैडन फार्मा पर कार्रवाई, कफ सिरप के उत्पादन पर लगाई रोक
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चेतावनी के बाद केंद्र और राज्य के ड्रग कंट्रोलरों की संयुक्त जांच में 12 अहम कमियां मिलने को लेकर हरियाणा सरकार ने मैडन फार्मास्युटिकल्स पर बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने जांच में मिली कमियों के आधार पर कंपनी द्वारा बनाए जाने वाली कफ सिरप (खांसी की दवा) के उत्पादन पर रोक लगा दी है। राज्य के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है।
गृह मंत्री ने क्या दिया बयान?
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, "केंद्र और हरियाणा के ड्रग कंट्रोलरों दारा की गई जांच में सोनीपत स्थित मैडन फार्मास्युटिकल्स में 12 कमियां पाई गई थी। उसे देखते हुए कंपनी का कुल उत्पादन बंद करने का निर्णय किया है और उसे इस संबंध में नोटिस भी भेजा गया है।" उन्होंने कहा, "कंपनी के WHO द्वारा बताई गई चार कफ सिरप के नमूने कोलकाता की सेंट्रल ड्रग लैब में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"
WHO ने जारी की थी चेतावनी
गत दिनों गाम्बिया में कोल्ड कफ सिरप के इस्तेमाल के बाद 66 बच्चों और लोगों की मौत हो गई थी। जांच में सिरप में कई जानलेवा तत्व पाए गए थे। इसको लेकर 5 अक्टूबर को WHO ने भारत की मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा बनाए गए खांसी-जुकाम के चार कफ सीरप को लेकर अलर्ट जारी किया था। WHO ने कहा था कि ये कोल्ड-कफ सीरप गाम्बिया में 66 लोगों की मौत और गुर्दे की गंभीर दिक्कतों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
कफ सिरप में मिली थी डाइथीलीन और एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा
WHO ने कहा था कि कंपनी की ओर से बनाई जाने वाली प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप में डाइथीलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा की पुष्टि हुई है। सिरप में मौजूद यह तत्व इंसानों के लिए बेहद खतरनाक होता है। WHO ने देशों को इन कफ सिरपों के इस्तेमाल से बचने और भारत को इस संबंध में गहन जांच करने की सलाह दी थी।
WHO की चेतावनी के बाद कराई गई थी जांच
WHO की चेतावनी के बाद केंद्र और राज्य के ड्रग कंट्रोलरों ने सोनीपत स्थित कंपनी में पहुंचकर जांच की तो उसमें कई 12 प्रमुख अनियमितताएं मिली थी। जांच में सामने आया कि सिरप के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले रॉ मटेरियल की क्वालिटी टेस्टिंग नहीं की जा रही थी। इसी तरह कंपनी ने इन कफ सिरप के लिए प्रक्रिया सत्यापन नहीं किया और बैच नंबर, उत्पाद की शेल्फ लाइफ और उनके रखरखाव पर भी कई सवाल खड़े हुए हैं।
सरकार ने कंपनी को नोटिस देकर उत्पादन पर लगाई रोक
मामले में हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने कंपनी को ड्रग रूल्स, 1945 के रूल 85(2) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब देने को कहा है। ड्रग्स कंट्रोलर मनमोनह तनेजा द्वारा जारी नोटिस में कंपनी से पूछा गया है कि उसका मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस क्यों नहीं कैंसिल होना चाहिए? यदि कंपनी जवाब नहीं देती है तो उसके खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 एंड रूल्स, 1945 के तहत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।