रक्तदान से जुड़े इन 5 मिथकों पर भरोसा करने से बचें, जानें इनकी सच्चाई
रक्तदान करना एक अच्छी बात है, लेकिन बहुत से लोग ऐसा करने में विश्वास नहीं करते हैं। इसके पीछे की वजह रक्तदान के बारे में बनी कई गलत धारणाएं हैं, जो काफी समय से चलती आ रही हैं। ये धारणाएं किसी भी इंसान के रक्तदान करने के फैसले को आसानी से प्रभावित कर सकती हैं। आइए आज रक्तदान से जुड़े ऐसे ही पांच मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में जानते हैं।
मिथक 1: रक्तदान करने से हो सकते हैं बीमार
तथ्य: रक्तदान करने से कोई भी इंसान बीमार नहीं पड़ता है। यह सिर्फ एक मिथक है। डॉक्टर खून देने वाले को एक दिन आराम करने और तरल पदार्थ पीने की सलाह जरूर देते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि खून देने वाला अब कम स्वस्थ हो गया है। वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो रक्तदान के 48 घंटों के अंदर ही शरीर में रक्त का स्तर सामान्य मात्रा में वापस आ जाता है।
मिथक 2: दवा खाने वाले लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं
तथ्य: रक्तदान के बारे में यह सिर्फ एक गलत धारणा बनी हुई है। हालांकि, यह सच है कि एंटी-प्लेटलेट, एंटी-कौयगुलांट और त्वचा का उपचार लेने वाले लोगों को रक्तदान नहीं करना चाहिए। इसके लिए खून देने वाले को चाहिए कि वह सबसे पहले अपने डॉक्टर से जांच करवाएं। यदि वर्तमान दवाओं से रक्तदान करने से कोई दिक्कत नहीं होती है तो आप बगैर किसी झिझक के दवाओं का सेवन करते हुए रक्तदान कर सकते हैं।
मिथक 3: रक्तदान एक दर्दनाक प्रक्रिया है
तथ्य: ये रक्तदान के बारे में आधी-अधूरी जानकारी है। दरअसल, इस प्रक्रिया में दर्द केवल आपके शरीर में प्रवेश करने वाली सुई का होता है, जो बहुत हल्का होता है। इसके अलावा इसमें बस कुछ समय के लिए सनसनी जैसा महसूस होता है, जो कुछ ही सेकंड में गायब भी हो जाती है। रक्तदान करने के बाद भी आपको सुई वाली जगह पर हल्का दर्द महसूस हो सकता है, लेकिन यह हानिकारक बिल्कुल भी नहीं है।
मिथक 4: टैटू या पियर्सिंग कराने वाले लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं
तथ्य: रक्तदान के सबसे आम मिथकों में से एक यह है कि टैटू और पियर्सिंग (कान या नाक छिदवाना) कराने वाले लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं। यह सच है, लेकिन सिर्फ छह महीने के लिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि अगर आपने हाल ही में टैटू या बॉडी पियर्सिंग करवाई है तो इसके छह महीने तक रक्तदान नहीं कर सकते हैं। यह किसी भी संक्रमण होने के खतरे की रोथकाम के लिए होता है।
मिथक 5: साल में सिर्फ एक बार ही रक्तदान कर सकते हैं
तथ्य: पूरे साल में एक से ज्यादा बार रक्तदान करना बिल्कुल सुरक्षित है। दरअसल, रक्तदान के दौरान खो जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं को बदलने के लिए हमारे शरीर को चार से आठ हफ्ते लगते हैं, उसके बाद खून देने वाला अपना अगला दान शेड्यूल कर सकता है। अमेरिकन रेड क्रॉस नामक संगठन का कहना है कि खून देने वाले साल में छह बार तक रक्तदान कर सकते हैं, वहीं प्लेटलेट एफेरेसिस हर साल 24 बार कर सकते हैं।