महामारी की एक और लहर ला सकता है XBB वेरिएंट, सतर्क रहने की जरूरत- WHO
क्या है खबर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कुछ देशों में ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट XBB के कारण 'संक्रमण की एक और लहर' आ सकती है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी देश की तरफ से आंकड़े नहीं आए हैं, जो बताते हैं कि नया वेरिएंट अधिक गंभीर है।
बता दें कि भारत में भी इस वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं।
बयान
ओमिक्रॉन के 300 सब वेरिएंट- स्वामीनाथन
स्वामीनाथन ने कहा, "ओमिक्रॉन के 300 सब वेरिएंट हैं। मुझे लगता है कि इनमें से एक जो चिंताजनक है, वो XBB है। यह एक रिकॉम्बिनेंट वायरस है। हमने पहले भी कुछ रिकॉम्बिनेट वायरस देखे हैं। यह प्रतिरक्षा को चकमा देने में सफल हो रहा है, जिसका मतलब है कि इसके खिलाफ एंटीबॉडीज काम नहीं करेंगी। इसलिए हम कुछ देशों में इस वेरिएंट के चलते महामारी की एक और लहर देख सकते हैं।"
बयान
वायरसों पर नजर बनाए रखने की जरूरत- स्वामीनाथन
डॉ स्वामीनाथ ने कहा कि प्रतिरक्षा को चकमा देने वाले अन्य वेरिएंट पर भी नजर रखी जा रही है। जैसे-जैसे वायरस विकसित होता जाता है, यह अधिक तेजी से फैलने लगता है। उन्होने देशों से वायरस पर नजर बनाए रखने की अपील की है।
कोरोना संकट
स्वास्थ्य आपातकाल बनी हुई है कोरोना महामारी- स्वामीनाथन
स्वामीनाथन ने कहा कि WHO के महानिदेशक के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी अभी भी वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल बनी हुई है। हर महीने संक्रमण के चलते दुनियाभर में 8,000-9,000 मौतें हो रही हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अभी महामारी समाप्त नहीं हुई है। इसका मतलब है कि अभी इससे बचाव के ऐहतियात बरतने की जरूरत है। अच्छी बात यह है कि अब इसके इलाज और रोकथाम के लिए वैक्सीन समेत कई तरीके मौजूद हैं।
जानकारी
क्या है XBB सब-वेरिएंट और यह कहां पाया गया?
XBB सब-वेरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.10 और BA.2.75 सब-वेरिएंट्स से मिलकर बना है।
यह कैसे अस्तित्व में आया, अभी तक ये स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह पहली बार सिंगापुर में पाया गया था। इसके बाद बांग्लादेश और नेपाल में भी इसके मामले सामने आए और अब ये हांगकांग भी पहुंच गया है।
सिंगापुर में इसके कारण मामलों में तेज वृद्धि देखने को मिली है। विशेषज्ञों ने इस पर करीबी नजर रखने और सावधान रहने को कहा है।
आशंका
एंटीबॉडी उपचार के XBB के खिलाफ कम प्रभावी होने की आशंका
विशेषज्ञों ने यह चिंता भी व्यक्त की है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार XBB.1 जैसे नए वेरिएंट्स पर कम प्रभावी साबित हो सकता है।
मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग अनुसंधान और नीति केंद्र (CIDRAP) के निदेशक डॉ माइकल ओस्टरहोम ने फॉर्च्यून से कहा, "हमने पहले (किसी अन्य वेरिएंट में) इम्युनिटी को मात देने की ऐसी क्षमता नहीं देखी है।"
स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के संस्थापक एरिक टोपोल के अनुसार, इस समय XBB.1 वेरिएंट पर सबसे ज्यादा नजर रखने की जरूरत है।
कोरोना संकट
देश-दुनिया में महामारी की क्या स्थिति?
दुनियाभर में कोरोना महामारी के 62.6 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 65.76 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देश हैं और यहां अब तक 9.71 करोड़ लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 10.67 लाख मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
भारत 4.46 करोड़ मामलों के साथ इससे दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है। यहां लगभग 5.29 लाख मौतें हुई हैं।