सांपों के काटने से 2019 में दुनियाभर में 63,000 मौतें, भारत में सबसे ज्यादा
वैश्विक स्तर पर हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि 2019 में दुनियाभर में 63,000 लोगों की सांप के काटने से मौत हुई थी। इनमें से करीब 80 प्रतिशत मौतें अकेले भारत में हुईं। भारत में सांप के काटने के कारण 51,000 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, वहीं 2,070 मौतें के साथ पाकिस्तान दूसरे पायदान पर रहा। यह अब तक का सबसे ताजा अध्ययन है। इससे पहले ऐसा अध्ययन 2008 में हुआ था।
2008 के बाद से मौतों की संख्या में आई कमी
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिसीज (GBD) की तरफ से किया गया अध्ययन पिछले सप्ताह नैचर कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने 204 देशों से 1990 से लेकर 2019 तक के आंकड़े जुटाए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि 2008 के बाद से मौतों की संख्या में कमी आई है। हालांकि, यह संख्या अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2030 तक मौतें आधी करने लक्ष्य से बहुत दूर है।
दक्षिण एशिया में सांप के काटने से सबसे ज्यादा मौतें
दक्षिण एशिया में सांप काटने से 54,600 (86 प्रतिशत) मौतें हुई हैं, जो दुनियाभर में सबसे ज्यादा हैं। इसके पीछे यहां की पारिस्थितिकी, सामाजिक आर्थिक स्थिति और कमजोर स्वास्थ्य तंत्र को जिम्मेदार बताया गया है। इसके बाद अफ्रीका और अमेरिका का नंबर है।
आंकड़ों की कमी के कारण कम होते हैं ऐसे अध्ययन
आंकड़ो की कमी के चलते दुनियाभर में सांपों के काटने से होने वाली मौतों से जुड़े कम ही अध्ययन होते हैं। 1998 में आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सांपों के काटने से एक लाख से अधिक मौतें हुई हैं, वहीं 2008 में यह संख्या लगभग 94,000 थी। इस ताजा रिपोर्ट में आधिकारिक सर्वे, अस्पतालों, पोस्टमार्टम, जन्म और मृत्यु पंजीकरण आदि से आंकड़े जुटाए गए हैं। हालांकि, इन आंकड़ों में सारी घटनाएं दर्ज नहीं हुई हैं।
भारत में क्यों होती हैं इतनी मौतें?
भारत में सांप काटने के कारण होने वाली मौतों की संख्या के पीछे विषरोधकों तक लोगों की पहुंच न होना है। देश में कई बड़े सांपों के लिए विषरोधक उपलब्ध है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इसका वितरण नहीं हो पाता। अध्ययन में शामिल शोधकर्ता और दिल्ली स्थित द जॉर्ज इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ के सौम्यदीप भौमिक ने बताया कि ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में सांप का काटना एक जनस्वास्थ्य समस्या है।
WHO ने बनाई है मौतें रोकने की रणनीति
सांप काटने की घटनाओं से दुनिया में हर साल 18-27 लाख लोग प्रभावित होते हैं और 81,000-1.38 लाख लोगों की मौत होती है। इन घटनाओं को कम करने के लिए WHO ने 2019 में एक रणनीति का ऐलान किया था। इसके तहत अधिक प्रभावित समुदायों पर खास ध्यान दिया गया था। इस रणनीति में लोगों से जुड़ने, सुरक्षित और प्रभावी इलाज, स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने और संसाधनों और साझेदारियों को बढ़ाने की बात कही गई थी।
भारत में पाई जाती हैं सांपों की 200 से अधिक प्रजातियां
भौमिक ने बताया कि भारत सरकार ने बेहतर इलाज के लिए मेडिकल अधिकारियों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। हालांकि, सरकार को समुदायों के स्तर पर कदम उठाने चाहिए। देश में सांप डसने की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एक विस्तृत रणनीति की जरूरत है। बता दें कि भारत में सांप की 200 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं और इंडियन करैत इनमें से सबसे जहरीला सांप होता है।