अधिक कंडीशनिंग से बाल हो सकते हैं खराब, जानिए इससे बचने का तरीका
शैंपू के बाद कंडीशनर का इस्तेमाल करना बालों की देखभाल की दिनचर्या का अहम हिस्सा है। हालांकि, बालों को जरूरत से ज्यादा कंडीशन करने से ये शुष्क, बेजान व चिकने हो सकते हैं और इन्हें संवारने में भी दिक्कत हो सकती है। आइए, आज हम आपको बालों को ठीक से कंडीशन करने का तरीका और अधिक कंडीशनिंग के कारण होने वाले किसी भी नुकसान को ठीक करने के लिए कुछ उपयोगी सुझाव बताते हैं।
कंडीशनर का इस्तेमाल करना क्यों जरूरी है?
कंडीशनर का इस्तेमाल मुख्य रूप से बालों की सुरक्षा और इन्हें नमी देने के लिए किया जाता है। यह बालों पर एक परत बनाता है और स्कैल्प को पोषण देने और हाइड्रेट करने में मदद करता है। हालांकि, जब आप अधिक कंडीशनर का इस्तेमाल करने लगते हैं तो इससे बालों में अधिक नमी जुड़ जाती है, जिसके कारण बाल बहुत नरम हो जाते हैं और इनके टूटने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है।
अधिक कंडीशनिंग से जुड़े संकेत
बालों का चिपचिपा दिखना अधिक कंडीशनिंग का सबसे आम संकेत है। दरअसल, जब आप अपने बालों पर जरूरत से ज्यादा कंडीशनर का इस्तेमाल करते हैं तो यह बालों और उसकी जड़ों को तैलीय बना देता है। ऐसे में बाल काफी चिपचिपे दिखने लगते हैं और बहुत जल्दी गंदे हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त, जरूरत से ज्यादा बालों का चमकना, बालों को संवारने में परेशानी होना और बालों के वॉल्यूम में कमी आना भी अधिक कंडीशनिंग की ओर इशारा करते हैं।
अधिक कंडीशनर से कैसे बचा सकता है?
बालों को अधिक कंडीशनिंग से बचाने के लिए सही मात्रा में कंडीशनर का इस्तेमाल करें और इसे अच्छी तरह से बालों से निकालना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त लगातार कंडीशनिंग से बचने की कोशिश करें और इसे लंबे समय तक अपने बालों पर न रहने दें। बालों से कंडीशनर को ठंडे पानी से साफ करें। रिंस-ऑफ कंडीशनर का इस्तेमाल करने के बाद लीव-इन हेयर कंडीशनर का इस्तेमाल करने से बचें।
अधिक कंडीशनिंग वाले बालों को ठीक करने के तरीके
बालों से अतिरिक्त कंडीशनर को हटाने के लिए अपने बालों को ठीक से शैंपू करना या ड्राई शैंपू का इस्तेमाल करें। वहीं महीने में एक बार अपने बालों को सेब के सिरके और पानी के मिश्रण से धोएं। अधिक कंडीशनिंग बाल कम दिखते हैं। ऐसे में प्रोटीन ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करके बालों की मात्रा वापस आ सकती है और जड़े मजबूत हो सकतीहैं। साथ ही हेयर स्टाइलिंग और लीव-इन हेयर उत्पादों के इस्तेमाल को भी सीमित करें।