हेयर वीविंग बनाम हेयर बॉन्डिंग: जानिए इनमें से कौन-सा विकल्प चुनना चाहिए
क्या है खबर?
बालों का झड़ना और गंजापन आज के समय में युवाओं के लिए एक आम समस्या बन गई है।
हालांकि, कुछ प्रक्रियाएं और केमिकल ट्रीटमेंट से बालों की लंबाई, वॉल्यूम और स्टाइल को जोड़कर उनके स्वरूप को बदला जा सकता है।
हेयर बॉन्डिंग और हेयर वीविंग दो अलग-अलग नॉन-सर्जिकल हेयर अटैचमेंट ट्रीटमेंट्स हैं, जिसमें आर्टिफिशियल हेयर्स का इस्तेमाल गंजेपन को खत्म करने के लिए किया जाता है।
आइए जानते हैं कि इन दोनों ट्रीटमेंट्स में से किसका चयन करना सही होगा।
हेयर वीविंग
हेयर वीविंग क्या है?
हेयर वीविंग एक ऐसा नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट है, जिसमें गंजेपन की समस्या का सामना कर रहे लोगों के सिर पर ब्रेडिंग या वीविंग के माध्यम से अतिरिक्त बालों को स्कैल्प से जोड़ा जाता है।
इस प्रक्रिया में लंबे और काले बाल दिखाने के लिए व्यक्ति के प्राकृतिक बालों से मैचिंग आर्टिफिशियल बालों को स्कैल्प से जोड़ा जाता है।
आमतौर पर इस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल तीसरी-सातवीं ग्रेड के गंजेपन वाले लोगों पर किया जाता है।
हेयर बॉन्डिंग
हेयर बॉन्डिंग से क्या समझते हैं आप?
हेयर बॉन्डिंग भी एक नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट है, जो आपके बालों को उनके वास्तविक रूप में वापस लाने में मदद कर सकता है।
यह एक रीस्टोरेशन तकनीक है, जिसमें स्कैल्प के गंजेपन वाली जगह को शेव करना और उसके बाद उस पर एक सिलिकॉन हेयर पैच जोड़ना शामिल है।
इस प्रक्रिया में अतिरिक्त बाल को प्राकृतिक बालों के साथ लगाने के लिए एक खास गोंद का इस्तेमाल किया जाता है।
जानकारी
किन लोगों को अपनानी चाहिए ये प्रक्रिया?
हेयर वीविंग और हेयर बॉन्डिंग दोनों ही नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट हैं, इसलिए इन्हें कोई भी व्यक्ति चुन सकता है। हालांकि, अगर आपको कार्सिनोमा, किडनी की बीमारी या हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हैं तो इन ट्रीटमेंट्स से दूर रहें।
फायदे
हेयर वीविंग और हेयर बॉन्डिंग के फायदे
दोनों ही ट्रीटमेंट चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत हैं और काफी किफायती भी हैं।ऐसे में कोई भी इनका लाभ ले सकता है।
हालांकि, ये तकनीक अस्थायी हैं और आमतौर पर छह से आठ हफ्ते तक ही इसका फायदा मिलता है। पतले या पतले बालों की बनावट वाले लोगों को हेयर वीविंग को अपनाना नहीं चाहिए।
हालांकि, हेयर बॉन्डिंग तकनीक किसी भी प्रकार की बनावट वाले बालों के लिए सही मानी जाती है।
प्रक्रिया
हेयर वीविंग की प्रक्रिया
हेयर वीविंग के दौरान सिर कोनों का इस्तेमाल करके ट्रैक बनाए जाते हैं, जिसमें बालों की दिशा में ब्रैड लगाए जाते हैं।
इसमें सिंथेटिक बालों को एक सुई के इस्तेमाल से ब्रैड्स में सिल दिए जाते हैं और इसके लिए इस्तेमाल किए गए धागे वास्तविक बालों से मिलते-जुलते रंग के होते हैं।
इस प्रक्रिया में सिर की उस जगह पर अतिरिक्त बाल लगाए जाते हैं, जहां कम बाल होते हैं।
हालांकि, इस ट्रीटमेंट के लिए विशेषज्ञ को ही चुनना चाहिए।
स्टेप्स
हेयर बॉन्डिंग की प्रक्रिया
हेयर बॉन्डिंग मूल रूप से बाल की बुनाई प्रक्रिया का एक उप-प्रकार है।
यह लगातार झड़ते बालों का एक समाधान है, जिसमें सिंथेटिक बालों को स्कैल्प के प्रभावित क्षेत्रों पर नरम सिलिकॉन गोंद के इस्तेमाल से चिपकाया जाता है।
इसके बाद इसे बालों की जड़ों के साथ अच्छी तरह से मिला दिया जाता है। दो हफ्ते के बाद बालों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए ट्रीटमेंट के दौरान बनाए गए ट्रैक्स को हटा दिया जाता है।