अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: भारत की 5 सफल महिला उद्यमी, जिन्होंने बनाई खुद की अलग पहचान
आज के समय में भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में भारत की कुछ महिला उद्यमियों ने अपनी काबिलियत से एक अलग पहचान बनाई हैं। इन महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानी खुद लिखी हैं और इन्होंने भारत ही नहीं विदेशों में भी अनगिनत महिलाओं को उनके व्यवसाय के सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। आइए आज भारत की ऐसी ही 5 सफल महिला उद्यमियों के बारे में जानते हैं।
जिवामे की सह-संस्थापक और CEO ऋचा कर
ऋचा कर जिवामे नामक ऑनलाइन वीमेन क्लोथिंग स्टोर की सह-संस्थापक हैं। उन्होंने इसकी शुरुआत 2011 में की थी। हालांकि, इसकी शुरुआत करने से पहले उन्हें अपने माता-पिता के विरोध का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद ऋचा ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कंपनी की शुरुआत कर अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। आज के समय में जिवामे पूरे भारत में अपनी सेवाएं प्रदान करती है और इसका कारोबार 680 करोड़ रुपये से अधिक है।
बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ
किरण मजूमदार शॉ ने 1978 में बेंगलुरू में किराए के घर के गैरेज में बायोकॉन इंडिया की शुरुआत की थी। उन्हें कंपनी की शुरुआत में पूंजी की कमी, संसाधनों की कमी और बहुत ज्यादा कंपीटिटिव मार्केट जैसी कई बाधाओं का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इन बाधाओं के बावजूद आज बायोकॉन भारत के बायोटेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक है। इसकी 120 से अधिक देशों में वैश्विक उपस्थिति है। किरण को इसके लिए प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है।
कलारी कैपिटल की CEO वाणी कोला
वाणी कोला ने 2011 में कलारी कैपिटल की स्थापना की थी। वह वर्तमान समय में भारत में सबसे सक्रिय और सफल उद्यम पूंजीपतियों में से एक के रूप में जानी जाती हैं। सिलिकॉन वैली में एक सफल कार्यकाल के बाद, उन्होंने खुद को एक निवेशक में बदलने और स्टार्टअप्स को फंडिंग शुरू करने का फैसला किया। वाणी की कंपनी IT, मोबाइल, स्वास्थ्य, सॉफ्टवेयर उत्पाद, मीडिया और टेक्नोलॉजी से संबंधित कंपनियों में निवेश करने पर केंद्रित है।
नायका की संस्थापक फाल्गुनी नायर
फाल्गुनी नायर ने करीब दो दशक तक इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर काम करने के बाद साल 2012 में सौंदर्य उत्पादों के लिए नायका की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य महिलाओं और पुरुषों के कॉस्मेटिक उत्पादों को ऑनलाइन उपलब्ध कराना था। फाल्गुनी की नायका कंपनी धीरे-धीरे तरक्की करती गई और आज यह देश का सबसे बड़ा ब्यूटी और कॉस्मेटिक उत्पादों का ऑनलाइन मार्केटप्लेस है। बता दें कि पिछले साल फाल्गुनी देश की सबसे अमीर सेल्फ-मेड भारतीय महिला भी बनी थीं।
ज्योति नाईक, पूर्व अध्यक्ष, श्री महिला गृह उद्योग, लिज्जत पापड़
ज्योति नाईक ने अपने परिवार को सहारा देने के लिए 12 साल की उम्र से ही पापड़ बेलना शुरू कर दिया था। वह एक कार्यकर्ता से लिज्जत पापड़ की अध्यक्ष के पद तक अपनी मेहनत और लगन से पहुंचीं। नतीजतन आज वह 42,000 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। वाकई ज्योति आज के समय में भारत में महिला सशक्तिकरण का एक प्रमुख चेहरा हैं।