इस महिला ने 500 रुपये से शुरू किया था बिजनेस, अब लाखों में कर रही कमाई
मणिपुर में आंत्रप्रेन्योर बनीं यांगमिला जिमिक ने यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत, विश्वास और दृढ़ संकल्प किसी को भी अपने सपनों को साकार करने में मदद कर सकता है। 2015 में उन्होंने 500 रुपये में कैंडी (टॉफी) बनाने के लिए आंवले और चीनी खरीदी और फिर इन्हें अपने पड़ोसियों और दोस्तों के बीच वितरित किया। इसके बाद 2019 में उन्होंने शिरीन प्रोडक्ट्स की स्थापना की और अब पूरे भारत में वह इन कैंडीज को बेच रही हैं।
एक कार्यशाला ने जिमिक को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए किया प्रोत्साहित
वित्तीय बाधाओं के चलते जिमिक स्कूली शिक्षा जारी नहीं रख सकीं, लेकिन फूड प्रोसेसिंग पर 2015 के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम ने जिमिक को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने योरस्टोरी से बात करते हुए कहा, "मैंने स्थानीय दुकानों को कैंडी के कुछ पैकेट दिए ताकि यह पता चल सके कि वे उन्हें बेच सकते हैं या नहीं। इस दौरान हमने पाया कि सभी पैकेट तेजी से बिक गए।"
स्थानीय रूप से उपलब्ध फलों के साथ जैम और कैंडी बनाती हैं जिमिक
जिमिक बचपन से ही खाद्य उत्पादों और प्रोसेसिंग से प्रभावित रही हैं। कम समय में सफलता प्राप्त करने के बाद जिमिक के आस-पास स्थित कई छोटी-छोटी किराने की दुकानों ने उनसे अधिक उत्पाद बनाने के लिए संपर्क किया। कैंडी की मांग बढ़ती देख उन्होंने स्थानीय रूप से उपलब्ध फलों जैसे बेर, आंवला, जंगली जैतून और अमरूद को इकट्ठा करना शुरू कर दिया और अपने निवास पर उनकी प्रोसेसिंग करके जैम और कैंडी बनाना शुरू कर दिया।
कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने की जिमिक की मदद
2017 में जिमिक ने अचार बनाने की प्रक्रिया सीखने के लिए स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) में आयोजित एक अन्य कार्यशाला में भाग लिया। उनके उत्साह और प्रतिभा से प्रभावित होकर KVK के अधिकारियों ने उन्हें सामाजिक-आर्थिक कार्य योजना के तहत लकड़ी के ओवन, गैस स्टोव और जंबो बॉक्स प्रदान करके घर पर एक छोटी सी कार्य इकाई स्थापित करने में मदद की। इसके अलावा उन्होंने KVK के वर्मीकम्पोस्ट और फूड प्रोसेसिंग की सेमिनार और प्रशिक्षण में भी भाग लिया।
जिमिक ने छह स्थानीय महिलाओं को दिया रोजगार
मौजूदा समय में इंफाल, दिल्ली, गुवाहाटी और दीमापुर समेत कई शहरों के लोग जिमिक के उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं। शिरीन प्रोडक्ट्स अब 35 विभिन्न प्रकार के जैविक खाद्य (ऑर्गेनिक फूड) पदार्थों का उत्पादन करता है। एक आंत्रप्रेन्योर के रूप में शुरुआत करते हुए जिमिक ने 30 गांवों के किसानों को फल और अन्य स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों के लिए इस बिजनेस में लगाया है। इसके अलावा उसने छह स्थानीय महिलाओं को भी काम पर रखा है।
केवल एक जिले से 70,000-80,000 रुपये की कमाई कर लेती हैं जिमिक
अपने अनूठे उत्पादों के बारे में बात करते हुए जिमिक ने कहा, "आपको अमरूद की ग्रीन टी जरूर आजमानी चाहिए, यह बेहद सेहतमंद और स्वादिष्ट होती है।" जिमिक कहती हैं कि वह अपने उत्पादों को उखरूल (मणिपुर का एक जिला) की 30-50 दुकानों में वितरित करती हैं और सिर्फ इसी के जरिए वे 70,000 से लेकर 80,000 रूपये के बीच कमाई कर लेती हैं।
जिमिक को कई पुरस्कारों से किया गया सम्मानित
जिमिक को हाल ही में ग्रामीण श्रेणी में एक प्रभावशाली आंत्रप्रेन्योर होने के लिए प्रतिष्ठित असम महिला उद्यमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें देश की राजधानी दिल्ली में सत्य माइक्रोफाइनेंस विजयलक्ष्मी दास एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड की उपविजेता उद्यमी घोषित किया गया था। बता दें कि उन्हें जर्मनी के एक गैर-लाभकारी संगठन GIZ से 1,20,000 रूपये का अनुदान भी मिला है।