कोरोना वायरस: भारत में सामने आए 28 मामले, जानिये इससे जुड़े हर सवाल का जवाब
चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस (COVID-19) दुनिया के 65 से ज्यादा देशों में फैल गया है। दुनियाभर में लगभग 90,000 लोग इससे संक्रमित हैं और 3,000 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत में अभी तक कोरोना वायरस के 28 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 16 इटली के नागरिक हैं। इन 28 में से तीन लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। आइये, कोरोना वायरस से जुड़े हर सवाल का जवाब जानते हैं।
कोरोना वायरस क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस एक वायरस परिवार है। इससे पीड़ित होने पर जुकाम, सांस लेने में परेशानी और किडनी फेल होने से मौत तक हो सकती है। यह वायरस पशुओं के जरिए इंसानों में फैलता है। पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने पर दूसरा व्यक्ति भी इससे संक्रमित हो जाता है। अभी तक इसका उपचार नहीं ढूंढा जा सका है। केवल लक्षणों के आधार पर पीड़ित व्यक्ति का इलाज किया जा सकता है।
कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव क्या है?
इस वायरस से संक्रमित होने पर सबसे पहले बुखार की शिकायत होती है। उसके बाद खांसी और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। यह छूने, हाथ मिलाने, खांसने और छींकने से हवा में फैलता है और दूसरे व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेता है। इससे बचने के लिए अपने हाथों को साफ रखें, बीमार व्यक्ति के पास जाने से बचें, खांसते या छींकते समय मुंह पर मास्क रखें और बीमार होने पर घर से बाहर निकलने से बचें।
यह सामान्य इंफ्लूएंजा से कैसे अलग है?
कोरोना वायरस सामान्य इंफ्लूएंजा से ज्यादा घातक है। सामान्य इंफ्लूएंजा से होने वाली मौत की दर एक प्रतिशत है। यानी अगर 100 लोग इससे प्रभावित पाए जाते हैं तो उनमें से एक की जान जाने का खतरा है। कोरोना वायरस के मामले में यह 2 प्रतिशत से ज्यादा है। हालांकि, चीन से बाहर इसकी दर 2 प्रतिशत से कम है। दूसरा सामान्य इंफ्लूएंजा का इलाज संभव है, जबकि कोरोना वायरस का अभी तक इलाज नहीं मिला है।
कोरोना वायरस के कौन से टेस्ट और कहां होते हैं?
अगर कोई संदिग्ध मरीज मिलता तो है सबसे पहले उसके ब्लड सैंपल का पॉलीमरेस चैन रिएक्शन (PCR) टेस्ट किया जाता है। अगर इसके नतीजे पॉजीटिव आते हैं तो सैंपल को पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) भेजा जाता है। यह भारत का एकमात्र सरकारी लैब है, जहां जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है। कोरोना की पुष्टि के लिए यहीं जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है। कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद इस टेस्ट की शुरुआत की गई।
कई प्राइवेट लैब में भी टेस्ट की सुविधा
इसके अलावा दिल्ली स्थित AIIMS, लखनऊ के KGMU, जयपुर के SMS आदि अस्पतालों में वायरल रिसर्च लैब है, जहां PCR टेस्ट किया जा सकता है। साथ ही कई प्राइवेट लैब भी इसका टेस्ट कर रहे हैं।
क्या मास्क पहनकर वायरस से बचा जा सकता है?
मास्क को संक्रमण रोकने में मददगार माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से बुरी तरह संक्रमित किसी इलाके या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है और उसमें भी बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं तो उसे मास्क पहनना चाहिए। हालांकि, आम लोगों को फिलहाल मास्क पहनकर घूमने की जरूरत नहीं है। वहीं गलत तरीके से पहना गया मास्क भी आपके लिए खतरा बन सकता है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर क्या सावधानी बरतें?
फिलहाल भारत में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने या न करने को लेकर कोई एडवायजरी जारी नहीं की गई है। फिर भी सफर के दौरान खांसते या छींकते समय अपने मुंह पर कपड़ा रखे।
क्या हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल काफी है?
जानकारों का कहना है कि किसी भी प्रकार के जर्म्स और केमिकल से बचने के लिए पानी और साबुन से हाथ धोना सबसे उपयुक्त है। वहीं अगर आपके पास पानी और साबुन उपलब्ध नहीं है तो आप हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आपका सेनिटाइजर एल्कोहल बेस्ड होना चाहिए और उसमें एल्कोहल कंटेट 60 प्रतिशत से ज्यादा होना चाहिए। जब भी मौका मिले तब गर्म पानी और साबुन से हाथ धोना सबसे उपयुक्त तरीका है।
हाथ मिलाने की बजाय करें नमस्कार
हाथ मिलाने के कारण इस वायरस के फैलने की संभावना ज्यादा होती है। अगर किसी व्यक्ति ने मुंह पर हाथ रखकर खांसी या छींक ली है तो ऐसी स्थिति में संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि हाथ मिलाने की बजाय नमस्कार कर अभिवादन करें। कुछ लोगों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि ऐसी स्थिति में सेक्स करना सुरक्षित है? इसका जवाब हां हैं, लेकिन किस करने से बचने की सलाह दी जाती है।
क्या आपको बाहर जाने से बचना चाहिए?
भारत में फिलहाल कोरोना वायरस को लेकर हालात नियंत्रण में हैं। ऐसे में अभी वो स्थिति नहीं है कि आप बाहर जाने से बचें। अगर आप बाहर जाने से बचते हैं और दूसरों को भी ऐसी सलाह देते हैं तो इससे बेवजह डर पैदा होगा।