नींद से जुड़ी हैं मुंह के स्वास्थ्य से संबंधित ये 5 समस्याएं, रखें ध्यान
क्या है खबर?
नींद कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के अच्छे से काम करने में अहम भूमिका अदा करती है, जिससे शरीर में अच्छा ब्लड सर्कुलेशन होता है।
इसके अलावा रात के समय अच्छी नींद लेने से दांतों की हड्डी के ऊतकों को कैल्शियम और फॉस्फेट जैसे आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। यह दांतों की परत को ठीक और मजबूत बनाने में मददगार हैं।
हालांकि, नींद की कमी और इससे जुड़ी कुछ आदतों के कारण मुंह के स्वास्थ्य की कुछ समस्याएं हो सकती हैं।
#1
बदबूदार सांस
स्लीप एपनिया (sleep apnea) एक बेहद आम नींद का विकार है।
जब भी आप इस विकार से पीड़ित होते हैं तो सोते समय आपको सांस लेने में दिक्कत होती है, जिसकी वजह से आपके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है और आप नींद से जाग जाते हैं।
इस विकार के लक्षणों में से एक मुंह से सांस लेना है, जिसकी वजह से बदबूदार सांस विकसित हो सकती है।
#2
टेम्पोरोमैंडिबुलर ज्वाइंट विकार (TMJ)
टेम्पोरोमैंडिबुलर ज्वाइंट (TMJ) एक फिसलने वाले हिंज की तरह काम करता है और जबड़े की हड्डी को सिर से जोड़ता है।
शोध के अनुसार, स्लीप एपनिया और टेम्पोरोमैंडिबुलर ज्वाइंट विकार एक-दूसरे से काफी जुड़े हुए हैं।
इसका मतलब है जब भी आपको सांस लेने में दिक्कत होती है तो इस विकार के कारण जबड़े के जोड़ और इसकी गति को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों में दर्द और तनाव महसूस हो सकता है।
#3
पीरियडोंटाइटिस
शोध से पता चला है कि नींद की कमी से पीरियडोंटाइटिस की शुरुआत हो सकती है। पेरियोडोंटाइटिस को मसूड़ों की बीमारी के नाम से भी जाना जाता है।
सूजे हुए और संक्रमित मसूड़े आमतौर पर पीरियंडोंटाइटिस के पहले लक्षण होते हैं। इसमें कुछ हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं, जिससे दांत खराब हो जाते हैं।
हर रात सात घंटे से कम नींद लेने से पीरियडोंटाइटिस का खतरा काफी बढ़ सकता है।
#4
ब्रुक्सिज्म
ब्रुक्सिज्म को आम भाषा में दांत पीसना कहा जाता है।
दरअसल, सोते वक्त जबड़े की मांसपेशियों की गतिविधियों के कारण दांत पीसने की समस्या हो जाती है। यह आपकी नींद पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
इसके अलावा इससे सिरदर्द, गर्दन में दर्द, जबड़े में अजीब महसूस होना और जबड़े में दर्द हो सकता है।
लगातार ब्रुक्सिज्म के कारण दांतों की परत घिस जाती है, जिसकी वजह से दांत संवेदनशील हो जाते हैं।
#5
दांतों में सड़न
सोते वक्त नाक से सांस लेने पर साइनस आपके द्वारा अंदर ली जाने वाली हवा में नमी जोड़ते हैं, लेकिन जब आप मुंह से सांस लेते हैं तो इससे मुंह में सूखापन आ जाता है।
सूखापन आपके मुंह में अम्लता को बढ़ा सकता है और दांतों की सड़न के विकास के जोखिम को बढ़ा देता है।
मुंह में सूखेपन की वजह से प्लाक, मुंह में छाले, पेरियोडोंटल रोग और मसूड़ों की सूजन जैसी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।