पश्चिम बंगाल की युवती ने बनाया सोने का नया रिकॉर्ड, जीते छह लाख रुपये
पश्चिम बंगाल की एक युवती ने सोने के मामले में 4.5 लाख लोगों को पीछे छोड़कर सर्वश्रेष्ठ सोने वाले व्यक्ति का खिताब जीता है। इसके अलावा उन्हें छह लाख रुपये का इनाम भी मिला है। दरअसल, हुगली जिले के श्रीरामपुर की रहने वाली एक युवती ने ऑल इंडिया लेवल पर आयोजित सोने की प्रतियोगिया में भाग लिया, जिसमें उन्होंने कुल 100 दिनों तक रोजाना नौ घंटे तक सोने का रिकॉर्ड बनाया है।
ऑनलाइन वेबसाइट से प्रतियोगिता के बारे में मालूम किया
खिताब जीतने वाली युवती का नाम त्रिपर्णा चक्रवर्ती है। उन्हें एक ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से मालूम पड़ा कि ऑल इंडिया लेवल पर सर्वश्रेष्ठ नींद की प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इसमें हिस्सा लेने के लिए उन्होंने आवेदन किया था। त्रिपार्णा ने लगातार 100 दिन नौ घंटा सोकर रिकॉर्ड बनाया जिसके बाद वो इस प्रतियोगिता को जीत गईं। सभी प्रतियोगियों को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने इस खिताब को अपने नाम किया और छह लाख रुपये भी जीते।
प्रतियोगियों को गद्दे के साथ स्लीप ट्रैकर भी दिया गया
NDTV के मुताबिक, त्रिपर्णा और अन्य प्रतियोगियों को एक गद्दा और एक स्लीप ट्रैकर दिया गया था और उन्हें सोने के लिए कहा गया था। जिसमें त्रिपर्णा जीत गईं। त्रिपर्णा ने बताया कि इनामी राशि से वो अपनी पसंद और जरूरत की चीजें खरीदने की योजना बना रही हैं। दरअसल, त्रिपर्णा एक अमेरिका की कंपनी में घर से ही काम करती हैं। इस वजह से वो दिन में सोती हैं और रात में उन्हें जागना पड़ता है।
लाखों लोगों को पीछे छोड़ते हुए जीता खिताब
इस प्रतियोगिता में कुल 4.5 लाख लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से कुल 15 प्रतियोगियों को फाइनल राउंड के लिए चुना गया, लेकिन फाइन मुकाबले में त्रिपर्णा सहित चार लोग ही पहुंच पाए। त्रिपर्णा ने उन सभी प्रतियोगियों को पीछे छोड़ते हुए सर्वश्रेष्ठ सोने वाली व्यक्ति का खिताब अपने नाम तो किया ही साथ ही एक-एक लाख रुपये का छह चेक भी जीत लिए।
नींद की कमी वाले लोगों में मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं
हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया है कि नौ घंटे से कम सोने वाले प्राथमिक स्कूल उम्र के बच्चों की याद्दास्त और बुद्धि में नौ से 12 घंटे की नींद लेने वाले बच्चों की तुलना में बड़ा अंतर पाया जाता है। नींद की कमी वाले लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। ये सब द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ की एक किताब में भी लिखा हुआ है।