तनाव से ग्रस्त बच्चों को नियमित रूप से करवाएं ये योगासन, देखें वीडियो
आज की जीवनशैली की वजह से बढ़ रहे तनाव से सिर्फ बड़ों ही नहीं बल्कि बच्चे भी काफी प्रभावित हो रहे हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा का यह दौर बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता और उनके अध्यापक बच्चों पर, उनकी गतिविधियों और उनकी परेशानियों पर खास ध्यान देने के साथ-साथ उनको योग का अभ्यास करवाएं। कुछ योगासनों का अभ्यास करके बच्चे तनाव की स्थिति से निकाल सकते हैं।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन करने से मन शांत रहता है और बच्चों के तनाव को दूर करने का काम करता है। इस आसन के अभ्यास के लिए पैरों को तीन-पांच फीट की दूरी तक फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को शरीर से ऊपर ले जाकर आपस में जोड़ लें। फिर दाएं पैर को 90 डिग्री तक घुमाएं और शरीर को दाई तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य हो जाएं।
पश्चिमोत्तानासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। फिर सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और कमर को बिल्कुल सीधा रखें। अब सांस छोड़ते हुए और पेट को अंदर की ओर ले जाते हुए आगे की ओर झुकें। इस मुद्रा में एक मिनट रूककर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से बच्चों को तनाव से मुक्ति मिलती है और रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है।
बालासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। फिर अपने माथे को जमीन पर लगा लें। इसके बाद अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें व अपनी जांघो से अपनी छाती पर दबाव डालें। दो-चार मिनट इस अवस्था में बने रहें व धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। बालासन करने से सिर के हिस्से में रक्त परिसंचरण बढ़ता है, जिस वजह से बच्चे का दिमाग शांत और तनाव से मुक्ति मिलती है।
वृक्षासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं व दोनों पैरों को एक दूसरे से कुछ दूरी पर रखते हुए हाथों को सिर के ऊपर उठाते हुए दोनों हाथों की हथेलियों को मिला दें। फिर दाएं पैर को मोड़ते हुए तलवे को बाएं जांघ पर टिका दें। इसके बाद बाएं पैर पर संतुलन बनाते हुए हथेलियां, सिर और कंधे को सीधा व एक ही सीध में रखें। वृक्षासन से बच्चों में एकाग्रता का विकास होता है।