पेट को जल्द अंदर करना चाहते हैं तो करें ये योगासन, वीडियो देखकर करें अभ्यास
आज के समय में मोटापा पूरी दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है। जब कोई व्यक्ति मोटापे का शिकार होता है, तो सबसे पहले उसका पेट निकलता है। यह न केवल दिखने में बुरा लगता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर की वजह भी बनता है। इसलिए आज हम आपको पांच ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके नियमित अभ्यास से आप अपने पेट को जल्द ही अंदर कर सकते हैं। आइए जानें।
नौकासन
नौकासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे लेट जाएं। फिर अपने सिर व कंधों के साथ-साथ अपने पैरों को ऊपर की ओर सीधा उठा लें। बस ध्यान रखें कि इस आसन में आपके हाथ, पैर और कंधे समांतर में हो। पांच बार सांस लें और आराम करें, फिर से आसान को दोहराएं। इस आसन के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र बेहतर होता है। साथ ही बाहर निकले हुए पेट को अंदर करने में मदद मिलती है।
भुजंगासन
भुजंगासन के अभ्यास के लिए अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, उठाने की कोशिश करें। पांच बार सांस लें और आराम करें, फिर से आसान को दोहराएं। रोजाना इस आसन को करने से बहुत लाभ होगा। इसके नियमित अभ्यास से पेट जल्द ही अंदर और फेफड़े मजबूत होते हैं। साथ ही रीढ़ की हड्डी सशक्त होती है।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं और अब घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं। फिर सांस लेते हुए पीछे की ओर झुक कर दायीं हथेली को दायीं एड़ी पर और बायीं हथेली को बायीं एड़ी पर रखने की कोशिश करें। इस अवस्था में दो मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे आसन को छोड़े। इस आसन के नियमित अभ्यास से गर्दन से लेकर घुटने तक का भाग एक साथ प्रभावित होकर निरोग बनता है।
वीरभद्रासन
इस आसन को करने के लिए पैरों को तीन-चार फीट की दूरी तक फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को शरीर से ऊपर ले जाकर आपस में जोड़ लें। फिर दाएं पैर को 90 डिग्री तक घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। वीरभद्रासन का नियमित अभ्यास करने से जल्द ही पेट अंदर करने में मदद मिलती है।
कपालभाति
कपालभाति का अभ्यास करने के लिए पद्मासन की स्थिति में बैठ जाइए और हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। आंखे बंद कर पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें और पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए सांस छोड़ें, लेकिन सांस छोड़ते समय ज्यादा दबाव न डालें। पांच मिनट इस प्रकिया को दोहराते रहें व धीरे-धीरे आंखों को खोलते हुए प्राणायाम छोड़े। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से मस्तिष्क ऊर्जान्वित और पेट अंदर होता है।