
भद्रासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, फायदे और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
भद्रासन दो शब्दों (भद्र और आसन) के मेल से बना है। इसमें भद्र का मतलब शुभ से है, वहीं आसन का मतलब मुद्रा है।
इस आसन को शास्त्रीय हठ योग प्रदीपिका ग्रंथ में 'सभी रोगों का नाशक' बताया गया है।
योग गुरूओं की मानें तो यह आसन बहुत प्रभावी आसनों में से एक है और आपके लिए रोजाना इसका अभ्यास करना लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
चलिए फिर आज भद्रासन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
अभ्यास
भद्रासन करने का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं, फिर पैरों को मोड़कर अपने दोनों तलवों को आपस में मिला लें।
इसके बाद दोनों हाथों से तलवों को पकड़ लें और नाक की नोक के केंद्र पर ध्यान केंद्रित करें। इस दौरान अगर आपको आंखों में खिंचाव या भारीपन महसूस होता है तो उन्हें थोड़ी देर के लिए बंद कर लें।
अब अपनी क्षमतानुसार इस मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
सावधानियां
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
अगर आपको घुटने में दर्द या फिर पैरों में कमजोरी महसूस हो तो इस आसन का अभ्यास न करें।
अगर आपको पहली बार इस आसन को करने में असुविधा होती है तो अपने कूल्हों के नीचे कंबल को मोड़कर रखें।
अगर आपको रीढ़ की हड्डी संबंधी विकार, कमर दर्द, गर्दन में दर्द, पेट की बीमारी या अन्य कोई गंभीर बीमारी है तो आप इस योगासन का अभ्यास डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
फायदे
भद्रासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
इस आसन से पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
इस आसन का रीढ़ की हड्डी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यह आसन पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करके पाचन क्रिया की कार्यक्षमता को बेहतर कर सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए भी भद्रासन बहुत फायदेमंद है।
भद्रासन करने से एकाग्रता बढ़ती है और दिमाग तेज होता है।
यह आसन सिरदर्द, कमरदर्द, आंखों की कमजोरी, अनिद्रा और हिचकी जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है।
टिप्स
भद्रासन के अभ्यास से जुड़ी विशेष टिप्स
भद्रासन दिखने में जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। इसे करने के दौरान शुरुआत में कुछ असुविधा महसूस हो सकती है, इसलिए इस योगासन का अभ्यास योग विशेषज्ञ की निगरानी में ही करें तो बेहतर होगा।
इस योगासन का अभ्यास करने से पहले कुछ हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर लें।
भद्रासन का अभ्यास हमेशा खाली पेट करना चाहिए और इसके अभ्यास के दौरान ज्यादा कसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए।