क्या है 'थिंसपो' जिसे अपनाने पर स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर? जानिए रोकने के तरीके
क्या है खबर?
सोशल मीडिया नए स्वास्थ्य ट्रेंड से भरा पड़ा है और इनमें से ही एक 'थिंसपो' कुछ महीनों से काफी वायरल हो रहा है।
ऐसा दावा किया जा रहा है कि थिंसपो शरीर की अधिक कैलोरी जलाने और अतिरिक्त वसा को कम करने में प्रभावी है, लेकिन इसे अपनाने वाले लोगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
आइए जानते हैं कि थिंसपो हानिकारक क्यों हैं और इसे बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है।
चलन
थिंसपो क्या है?
थिंसपो में तस्वीरों, कथन और कहानियों आदि के जरिए लोगों को अत्यधिक पतला होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इसमें अत्यधिक पतलेपन होने के लिए प्रतिबंधात्मक आहार, अत्यधिक एक्सरसाइज और भूखे रहने जैसे खतरनाक व्यवहार का सहारा लिया जाता है।
अक्सर सोशल मीडिया पर थिंसपो सामग्री में बहुत पतले लोगों की तस्वीरें और उनके साथ प्रेरक संदेश होते हैं, ताकि अन्य लोगों को भी इस तरह का शरीर बनाने के लिए प्रभावित किया जा सके।
कारण
थिंसपो हानिकारक क्यों है?
थिंसपो लोगों को अत्यधिक वजन घटाने के ऐसे तरीके अपनाने के लिए प्रेरित करता है, जो टिकाऊ या स्वस्थ नहीं हैं।
इस चलन से एनोरेक्सिया और बुलिमिया जैसे खाने के विकारों को बढ़ावा मिल सकता है। इन विकारों से ग्रस्त व्यक्ति बहुत ज्यादा दुबला हो जाता है।
थिंसपो को अपनाने से शरीर की मुद्रा पर भी नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे अवसाद, तनाव और चिंता जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
तरीके
थिंसपो को रोकने के तरीके
इस चलन को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि सोशल मीडिया पर फिट रहने की अच्छी आदतों से संबंधित पोस्ट साझा करें और इनमें संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताएं।
अगर आपको सोशल मीडिया पर थिंसपो से जुड़ी कोई पोस्ट मिले तो इसके प्रसार को रोकने के लिए प्लेटफॉर्म पर इसकी रिपोर्ट करें।
अगर आप थिंसपो के प्रतिकूल प्रभाव से जूझ रहे हैं तो चिकित्सक और आहार विशेषज्ञों की मदद लें।
टिप्स
'टैडपोल वॉटर' का भी है चलन
वजन कम करने का टैडपोल वॉटर चलन भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
इसमें हल्के गर्म पानी में चिया बीज डालकर कुछ देर बाद इसमें नींबू का रस मिलाना होता है और फिर इसे पीना होता है।
इसे टैडपोल वॉटर नाम इसलिए मिला क्योंकि पानी में घूमते हुए चिया बीच टैडपोल (मेंढक आदि का शुरुआती स्वरूप) की तरह लगते हैं।
चिया बीजों के कारण इसे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक बताया जा रहा है।