एक पद कपोतासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, फायदे और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
एक पद कपोतासन को कठिन योगासन माना जाता है और इसकी सही मुद्रा के लिए काफी अभ्यास करना पड़ता है।
योग विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर आप रोजाना सिर्फ 30 से 60 सेकेंड तक इसका अभ्यास करते हैं तो इससे आपको कई तरह के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
आइए आज हम आपको एक पद कपोतासन के अभ्यास का तरीका, इसके फायदे और इससे जुड़ी अन्य कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
अभ्यास
एक पद कपोतासन करने का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर अधोमुख श्वानासन की मुद्रा लें।
इसके बाद दायां पैर घुटने से मोड़ते हुए दोनों हाथों को बीच ले आएं, फिर बायां पैर घुटने से मोड़ते हुए उठाएं।
अब दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और कोहनी से मोड़ते हुए हाथों को पीछे ले जाएं, फिर गर्दन को पीछे की तरफ झुकाएं।
यह मुद्रा बनाकर कुछ सेकंड गहरी सांस लें, फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
सावधानियां
इस योगासन के अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
इस आसन का अभ्यास थोड़ा कठिन है, इसलिए इसके हर स्टेप की तरफ धीरे-धीरे बढ़ें।
अगर आपको रीढ़ की हड्डी, कंधों, हाथों, पैरों या घुटनों से जुड़ी कोई समस्या या दर्द है तो इसका अभ्यास करने से बचें।
हाई ब्लड प्रेशर, हर्निया, पेट के अल्सर, स्पोंडिलाइटिस और माइग्रेन जैसी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को भी इस योगासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
खाना खाने के तुरंत बाद इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
फायदे
एक पद कपोतासन से मिलने वाले फायदे
यह शरीर की कोर मसल्स को मजबूती प्रदान कर सकता है।
इस आसन का अभ्यास संतुलन शक्ति को बढ़ाता है और शरीर का पॉश्चर सुधारने में मदद करता है।
यह आसन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है।
इस आसन से कूल्हे और घुटनों से संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं।
इस आसन का अभ्यास थायराइड रोगियों के लिए भी लाभदायक है।
यहां जानिए सूर्यनमस्कार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
टिप्स
आसन से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
अगर आप पहली बार इस आसन को आजमाने जा रहे हैं तो विशेषज्ञ की निगरानी में करें।
अगर इस आसन का अभ्यास करने के दौरान आपको पैर को उठाने में परेशानी हो तो शारीरिक क्षमता से अधिक बल न डालें।
इस आसन को करते समय शरीर में अधिक तनाव पैदा न करें और शांत दिमाग से इसका अभ्यास करें।
जब आसन का अभ्यास छोड़ें तो किसी भी तरह की जल्दबाजी न करें और धीरे-धीरे आसन छोड़ें।