खाने में तेजपत्ता का करें उपयोग, मिलेंगे स्वास्थ्य से जुड़े ये लाभ
क्या है खबर?
पारंपरिक और आयुर्वेदिक औषधियों में तेजपत्ते का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है क्योंकि यह श्वसन संबंधी विकारों, संक्रमणों, पाचन समस्याओं, दस्त और एमेनोरिया जैसी समस्याओं का प्राकृतिक इलाज कर सकता है।
कई लोग मसाले के तौर पर भी तेजपत्ते का उपयोग करते है। इसका कारण है कि यह खान-पान में अच्छी खुशबू के साथ स्वाद भी जोड़ता है।
हालांकि, अगर आपको इस स्वास्थ्यवर्धक मसाले के बारे में नहीं पता है तो आइए आज इसके फायदे जानें।
#1
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में है सहायक
हाई कोलेस्ट्रॉल का स्तर हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।
तेजपत्ता कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और हृदय रोगों के जोखिम से बचाने में काफी मदद कर सकता है। यह लिपिड को नियंत्रित करने में समेत धमनियों में पट्टिका के गठन को रोकने में भी सहायक है।
हृदय रोगों को दूर रखने के लिए नियमित रूप से तेजपत्ते से बने पानी या चाय का सेवन करें।
#2
संक्रमण और सांस की समस्याओं से दिला सकता है छुटकारा
तेजपत्ते के सेवन से खांसी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और इन्फ्लूएंजा जैसी कई शारीरिक समस्याओं से राहत मिल सकती है क्योंकि तेजपत्ते के अर्क में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं।
इसके अतिरिक्त इसमें एथनॉलिक एक्सट्रैक्ट और कुछ अन्य कंपाउंड पाए जाते हैं, जो कि एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्दनिवारक प्रभाव से भरपूर होते हैं।
इन प्रभावों के कारण तेजपत्ता श्वसन तंत्र में आई सूजन और उसके कारण होने वाली बीमारियों से भी बचाव हो सकता है।
#3
बेहतर पाचन क्रिया में है मददगार
अगर आप पाचन की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं तो राहत के लिए रोजाना तेजपत्ते का सेवन करना शुरू कर दें।
दरअसल, तेजपत्ता पाचन विकारों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी होता है और कब्ज, गैस, सूजन, गैस्ट्रिक और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी समस्याओं से राहत दे सकता है।
यही नहीं, विटामिन-B, एंटी-बायोटिक और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर तेजपत्ता शरीर में एसिड रिफ्लक्स के जोखिम भी कम कर सकता है।
#4
मौसमी समस्याओं को दूर करने में भी है सहायक
तेजपत्ते की तासीर गर्म होती है, जो सर्दी और जुकाम जैसी समस्याएं का इलाज करने में मदद कर सकती है।
साथ ही इसमें रोजमेरिनिक एसिड होता है, जो एंटी-एलर्जेनिक के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव से युक्त होता है। ये दोनों प्रभाव मौसमी एलर्जी से बचाव करने में सहायक हैं।
इसके अलावा यह फेफड़ों में फैलने वाले संक्रमण को दूर करके फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में भी सक्षम है।
#5
तनाव से राहत दिलाने में है कारगर
जब किसी व्यक्ति में कोर्टिसोल हॉर्मोन असंतुलित और बढ़ जाता है तो वह व्यक्ति तनावग्रस्त रहता है और उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
तेजपत्ते में एंटी-स्ट्रेस गुण होते हैं, जो काफी हद तक तनाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
इस वजह से तेजपत्ते का सेवन करने से शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम किया जा सकता है। इससे तनाव और थकान दोनों में कमी हो सकती है।