गणेश चतुर्थी के दौरान गणेश भगवान को चढ़ाई जाती हैं ये 5 चीजें, जानें इनका महत्व
क्या है खबर?
भगवान शिव और माता पारवती के पुत्र गणेश जी को समर्पित गणेश चतुर्थी का त्योहार 7 सितंबर से शुरू हो रहा है।
10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान संसार के विघ्नहर्ता गणपति बप्पा कैलाश पर्वत से विदा लेकर धरती पर आते हैं।
गणेशोत्सव के दौरान भगवान गणेश की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें उनके मनपसंद व्यंजन चढ़ाए जाते हैं।
आज हम आपको बताएंगे गणपति बप्पा को चढ़ने वाले 5 खाद्य पदार्थ और उनका महत्त्व।
#1
नारियल
गणेश चतुर्थी की पूजा में गणपति बप्पा को नारियल का प्रसाद चढ़ाना बेहद जरूरी होता है। हिंदू धर्म में इसे समृद्धि, संपत्ति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार एक बार एक बूढ़ी औरत ने भगवान गणेश को नारियल चढ़ाया था। उन्हें चिंता थी कि यह भोग श्री गणेश को पसंद नहीं आएगा।
हालांकि, जब वह मंदिर से बाहर निकलीं, तो वह नारियल टूट गया था और उसमें से सोने के सिक्के निकल रहे थे।
#2
मोदक
मीठे और स्वाद से भरपूर मोदक को भगवान गणेश का प्रिय व्यंजन माना जाता है। इन्हें कई अलग-अलग तरीकों से तैयार किया जाता है और सभी का स्वाद लाजवाब होता है।
मान्यता है कि पारवती जी की माता मैनावती गणेश जी को उनका पेट भरने के लिए मोदक बनाकर खिलाया करती थीं। आगे चलके इसी तरह माता पारवती भी उन्हें यह मिठाई खिलाने लगीं।
यही कारण है कि गणेशोत्सव के दौरान मोदक चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
#3
केले
भगवान गणेश के पसंदीदा फलों में से एक है केला। आसानी से उपलब्ध होने के कारण इसे भगवान गणेश को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
हिंदू धर्म के अनुसार, भगवान गणेशा का सिर एक हाथी का है, जिसके कारण उन्हें गजानन भी कहा जाता है। इसी के चलते, जैसे सभी हाथियों को केला खाना पसंद होता है, उसी प्रकार गणपति बप्पा को भी यह फल अति प्रिय है।
#4
मोतीचूर के लड्डू
गणपति बप्पा की प्रसाद की थाली मोतीचूर के लड्डुओं के बिना अधूरी मानी जाती है। गणेश जी के इस लड्डू प्रेम के पीछे एक बेहद भावुक करने वाली कहानी है।
कहा जाता है कि भगवान विष्णु के छटे अवतार परशुराम जी से युद्ध करने के दौरान गणपति जी का दांत टूट गया था। इसके चलते उन्हें कुछ भी खाने में दर्द महसूस होता है।
तब उन्हें घी से बने हुए स्वादिष्ट मोतीचूर के लड्डू खिलाये जाते थे।
#5
दूब घास
गदेशोत्सव के त्योहार पर भगवान गणेश की पूजा करते समय उन्हें दूब घास चढ़ाई जाती है, जिसे ध्रुवा घास भी कहते हैं। गणपति बप्पा हमेशा से खान-पान के शौकीन रहे हैं और वह जी भर के खाते थे।
एक बार उन्होंने ढेर सारा खाना खा लिया था, जिसके कारण उनके पेट में दर्द होने लगा था। तब उन्हें दूब घास की 21 पत्तियां खिलाई गई थीं, जिनके सेवन से उन्हें तुरंत आराम मिल गया था।