वायरल फीवर की तरह है ओमिक्रॉन, घबराने की जरूरत नहीं- योगी आदित्यनाथ
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर बड़ा दावा किया है।
उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट तेजी से फैलता है लेकिन इससे वायरल बुखार की तरह हल्की बीमारी ही होती है।
उन्होंने कहा कि लोगों को नए वेरिएंट से घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सावधानी रखना जरूरी है।
योगी ने राजधानी लखनऊ में 15-18 साल के बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम का निरीक्षण करने के बाद ये बातें कहीं।
बयान
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कोरोना वायरस की तीसरी लहर के आने की आशंका के बीच योगी आदित्यनाथ ने कहा, "यह सच है कि ओमिक्रॉन तेजी से फैलता है, लेकिन यह भी सत्य है कि दूसरी लहर की तुलना में ओमिक्रॉन वेरिएंट काफी कमजोर है। यह मात्र एक सामान्य वायरल फीवर है। लेकिन सतर्कता और सावधानी किसी भी बीमारी में आवश्यक होती है। लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।"
ओमिक्रॉन
डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले कमजोर है नया वेरिएंट- योगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "पिछले साल मार्च-अप्रैल के दौरान डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित हुए लोगों को ठीक होने में 15 से 25 दिन लगे थे। उस वक्त कोविड के बाद होने वाली परेशानियां भी बहुत ज्यादा देखने को मिली थीं। ओमिक्रॉन के मामले में अब तक इस प्रकार की स्थिति नहीं है और वायरस अब कमजोर पड़ चुका है। लेकिन फिर भी जिन लोगों को पहले से ही कई बीमारियां हैं, उन्हें बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।"
मामले
उत्तर प्रदेश में आ चुके हैं ओमिक्रॉन के आठ मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अब तक ओमिक्रॉन वेरिएंट के आठ मामले आ चुके हैं जिनमें से चार लोग ठीक हो चुके हैं।
आज राज्य में कोरोना वायरस के 552 नए मामले सामने आए जिससे कुल मामले बढ़कर 17 लाख से ज्यादा हो गए हैं।
टीकाकरण के मामले में राज्य की हालत चिंताजनक है। NDTV की खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश की 30 प्रतिशत से कम आबादी को ही कोरोना वैक्सीन को दोनों खुराक लगी हैं।
चुनाव
उत्तर प्रदेश में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव
आने वाले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, BSP और AAP सहित सभी बड़ी पार्टियों ने चुनावी कार्यक्रम और रैलियां करना शुरू कर दिया है जिनमें बड़े पैमाने पर कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन देखा जा रहा है।
चुनाव आयोग के अनुसार, सभी राजनीतिक पार्टियों ने एक बैठक के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के साथ समय पर चुनाव कराने के लिए कहा है।