ओमिक्रॉन का कहर: सोमवार को दुनिया में सामने आए अब तक के सबसे अधिक मामले
जब लग रहा था कि दुनिया कोरोना वायरस महामारी को हराने के मुकाम पर खड़ी है, तब इस वायरस ने नया रूप धारण कर बताया है कि इसे हल्के में लेना कितनी बड़ी भूल है। लगभग एक महीने पहले ही सामने आए ओमिक्रॉन वेरिएंट ने दुनियाभर में हाहाकार मचाया हुआ है। स्थिति कैसी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को वैश्विक स्तर पर अब तक के सबसे अधिक दैनिक मामले सामने आए।
दुनिया में बीते दिन 14.4 लाख नए मामले
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को दुनियाभर में 14.4 लाख से अधिक नए मामले सामने आए और इन्होंने दिसंबर, 2020 के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। औसत मामले भी रिकॉर्ड स्तर पर हैं और पिछले सात दिन में रोजाना औसतन 8,41,00 नए मामले सामने आए। ये एक महीने पहले के औसत मामलों से लगभग 49 प्रतिशत अधिक है। एक महीने पहले ही दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वेरिएंट पकड़ में आया था।
मध्य अक्टूबर के स्तर पर बनी हुई हैं मौतें
राहत देने वाली खबर ये है कि ओमिक्रॉन के कारण मामलों में भले ही उछाल आया हो, लेकिन मौतों में कोई वृद्धि नहीं देखने को मिली है। अभी दुनिया में रोजाना औसतन 7,000 मौतें हो रही हैं जो मध्य अक्टूबर के बाद से इसी स्तर पर हैं। हालांकि अक्सर मामलों और मौतों में कुछ दिन का अंतराल रहता है, लेकिन फिर भी दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन से आए आंकड़ों से लगता है कि दोनों के बीच ये संबंध टूटा है।
स्टडीज में सामने आई हैं ओमिक्रॉन के अधिक संक्रामक, लेकिन कम घातक होने की बात
ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में हुई स्टडीज में सामने आया है कि ओमिक्रॉन अन्य वेरिएंट्स से लगभग 70 गुना अधिक संक्रामक है, लेकिन ये गंभीर रूप से बीमार नहीं करता है, खासकर वैक्सीन या बूस्टर खुराक लगवा चुके लोगों को। दुनिया के लिए 2021 की शुरूआत कैसी रहेगी, ये बहुत हद तक इसी बात पर निर्भर करेगा कि ओमिक्रॉन के कम घातक होने के अनुमान कितने सही साबित होते हैं।
विशेषज्ञों ने ओमिक्रॉन के कम घातक होने पर ज्यादा उत्साहित होने को लेकर चेताया
विशेषज्ञों ने ओमिक्रॉन के कम घातक होने पर ज्यादा उत्साहित होने को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि इसकी अधिक संक्रामकता कम घातक होने के फायदों को निष्क्रिय कर सकती है। कई देश इस चेतावनी को गंभीरता से भी ले रहे हैं और उन्होंने अपने यहां कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। भारत भी इन देशों में शामिल है और यहां कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई गई हैं।
दुनियाभर में 28.14 करोड़ लोग हो चुके हैं संक्रमित
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 28.14 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 54.07 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 5.28 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8.19 लाख लोगों की मौत हुई है। दूसरे सबसे अधिक प्रभावित भारत में 3.48 करोड़ लोगों में से 4.80 लाख और तीसरे सबसे अधिक प्रभावित ब्राजील में 2.22 करोड़ संक्रमितों में से 6.19 लाख मरीजों की मौत हुई है।