चुनाव ड्यूटी पर जाने वाले कर्मचारियों को भी दी जा सकेगी 'प्रिकॉशन डोज'- केंद्र
देश में 15 से 18 साल के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने और हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स सहित 60 साल से अधिक उम्र के कॉ-मॉरबिडिटी वाले लोगों को 'प्रिकॉशन डोज' (ऐहतियाती खुराक) देने की तैयारियों के बीच सरकार ने मंगलवार को बड़ा निर्णय किया है। सरकार ने कहा है कि अगले साल विधानसभा चुनाव कराने वाले राज्यों में चुनाव ड्यूटी पर जाने वाले कर्मचारियों को भी महामारी से बचाव के लिए प्रिकॉशन डोज दी जा सकेगी।
चुनाव ड्यूटी में जाने वाले कर्मचारियों को माना जाएगा फ्रंटलाइन वर्कर्स- भूषण
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। ऐसे में महामारी की स्थिति को देखते हुए चुनाव ड्यूटी पर जाने वाले सभी कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में मान्यता देते हुए प्रिकॉशन डोज दी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों को दूसरी खुराक लेने के नौ महीने पूरे होने के बाद ही प्रिकॉशन डोज दी जाएगी।
चुनाव आयोग ने दिए थे वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश
सोमवार को चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को चुनाव वाले राज्यों में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने और जल्द से जल्द वैक्सीनेशन पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसको देखते हुए ही सरकार ने चुनाव ड्यूटी वाले कर्मचारियों को प्रिकॉशन डोज देने का निर्णय किया है।
15-18 साल तक के बच्चों के लिए बनाए जाएंगे समर्थित वैक्सीनेशन केंद्र
स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा कि 3 जनवरी से शुरू होने वाले 15-18 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए समर्थित वैक्सीनेशन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इससे उनके वैक्सीनेशन में आसानी होगी। इस संबंध में राज्यों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि 15-18 साल तक के बच्चे 1 जनवरी से कोविन प्लेटफॉर्म या नजदीकी वैक्सीनेशन केंद्र पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे और स्लॉट बुक कर सकेंगे।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा- बुजुर्गों को नहीं दिखाना होगा डॉक्टर का कोई सर्टिफिकेट
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अन्य बीमारियों से ग्रसित 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को प्रिकॉशन डोज लगवाते समय डॉक्टर का कोई सर्टिफिकेट दिखाना या जमा नहीं करना होगा। ऐसे लोगों से उम्मीद की जाती है कि वे प्रिकॉशन डोज लगवाने पर फैसला लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेंगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी राज्यों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इससे बुजुर्गों को वैक्सीनेशन में परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था ऐलान
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को देश के नाम संबोधन में 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने तथा 10 जनवरी से हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स सहित 60 साल से अधिक उम्र के कॉ-मॉरबिडिटी वाले लोगों को 'प्रिकॉशन डोज' दिए जाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इससे काफी राहत मिलेगी।
ओमिक्रॉन वेरिएंट को रोकने में अहम साबित हो सकती है बूस्टर खुराक
गौरतलब है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार को रोकने में बच्चों के वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज को बेहद अहम माना जा रहा है। यह वेरिएंट दो खुराकों से पैदा होने वाली इम्युनिटी को काफी हद तक मात देने में कामयाब रहता है, हालांकि शुरूआती सबूतों में बूस्टर खुराक के इसके खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के सबूत मिले हैं। इस विषय पर अभी स्टडी चल रही हैं और सीमित डाटा के कारण कुछ पक्का नहीं कहा जा सकता।