भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण तीसरी लहर को लेकर क्या अनुमान हैं?
दुनियाभर में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का कहर जारी है और कई देश इसके कारण चौथी और पांचवीं लहर का सामना कर रहे हैं। भारत में भी इसके कारण तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। बुधवार को इसका एक संकेत भी देखने को मिला जब 24 घंटे के अंदर दैनिक मामलों में लगभग 44 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला। देश में तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों के क्या अनुमान हैं, आइए जानते हैं।
दिसंबर में शुरू होकर फरवरी में खत्म होगी तीसरी लहर- IIT कानपुर
IIT कानपुर ने गणितीय मॉडल के आधार पर तैयार किए गए अपने अनुमान में बताया है कि देश में तीसरी लहर दिसंबर में शुरू होकर फरवरी में खत्म होगी। उसने 15 दिसंबर से लहर शुरू होने की बात कही थी जो 3 फरवरी को खत्म हो जाएगी। अनुमान के मुताबिक, तीसरी लहर के दौरान देश में दैनिक मामले डेढ़ लाख तक पहुंच सकते हैं और ये लहर दूसरी लहर से हल्की होगी।
राष्ट्रीय कोविड सुपरमॉडल समिति का भी फरवरी में तीसरी लहर के चरम का अनुमान
राष्ट्रीय कोविड-19 सुपरमॉडल समिति ने कहा है देश में अगले साल तीसरी लहर की शुरूआत होगी और ये फरवरी में चरम पर पहुंचेगी। समिति ने इस लहर के दूसरी लहर से हल्की होने का अनुमान लगाया है और इस दौरान एक से दो लाख दैनिक मामले आने की बात कही है। समिति के अनुसार, ज्यादातर लोगों के पहले से संक्रमित होने और वैक्सीनेशन के कारण भारत में ओमिक्रॉन का असर कम रहेगा।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञ का भी जल्द तीसरी लहर का अनुमान
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोेधकर्ताओं द्वारा विकसित एक ट्रैकर ने भारत में इसी हफ्ते से तीसरी लहर शुरू होने का अनुमान लगाया है। उनके अनुसार, देश में तीसरी लहर में बेहद तीव्र, लेकिन बहुत छोटी होगी। ओमिक्रॉन वेरिएंट की पहचान करने वाली एंजेलिक कोएत्जी ने भी ओमिक्रॉन के कारण भारत में मामले और पॉजिटिविटी रेट बढ़ने की आशंका जताई है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसके ज्यादातर मामले हल्के होंगे, जैसा कि दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिला है।
वैश्विक स्तर पर ओमिक्रॉन के संक्रमण की क्या स्थिति?
ओमिक्रॉन ने वैश्विक स्तर पर कोहराम मचाया हुआ है और मंगलवार को दुनिया में लगातार दूसरे दिन 13 लाख से अधिक नए मामले सामने आए। अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (UK) में ओमिक्रॉन के कारण मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि देखने को मिली है, वहीं फ्रांस में अब तक के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। ओमिक्रॉन की लहर का सबसे पहले सामना करने वाले दक्षिण अफ्रीका में दैनिक मामले कम होने लगे हैं। यहां मौतों में खास वृद्धि नहीं हुई।
क्यों खतरनाक माना जा रहा है ओमिक्रॉन?
पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पकड़ में आए ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। यह वैक्सीनों को भी काफी हद तक चकमा देने में कामयाब रहा है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और भारत समेत कई देशों ने इसे रोकने के लिए पाबंदियां लगाई हैं।