स्मार्ट पुलिसिंग इंडेक्स में आंध्र प्रदेश अव्वल, बिहार और उत्तर प्रदेश की पुलिस रही फिसड्डी
क्या है खबर?
पुलिस द्वारा अपनाए जाने वाले आधुनिक तरीकों और उसकी कार्यशैली के प्रति लोगों की राय जानने के लिए भारतीय पुलिस फाउंडेशन (IPF) द्वारा किए गए 'स्मार्ट पुलिसिंग इंडेक्स' नाम के राष्ट्रीय सर्वेक्षण में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।
इसमें जहां दक्षिण राज्य आंध्र प्रदेश की पुलिस को पहला स्थान मिला है, वहीं अक्सर अपनी कार्यशैली को लेकर बदनाम रहने वाली बिहार और उत्तर प्रदेश पुलिस सबसे फिसड्डी रही है।
आगे पढ़ते हैं इस संबंध में विस्तृत खबर।
स्मार्ट पुलिसिंग
क्या है स्मार्ट पुलिसिंग सर्वेक्षण?
साल 2014 में गुवाहाटी में आयोजित राज्य और केंद्रीय पुलिस के पुलिस महानिदेशक (DGP) सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मार्ट पुलिसिंग की कल्पना करते हुए अपने विचार व्यक्त किए थे।
उस दौरान उन्होंने भारतीय पुलिस को सख्त और संवेदनशील, आधुनिक बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल की आवश्यकता जताई थी।
ऐसे में अब पुलिस के कार्य के प्रति लोगों को नजरिया जानने के लिए स्मार्ट पुलिसिंग सर्वेक्षण किया गया है।
सवाल
सर्वेक्षण में लोगों से क्या-क्या पूछा गया?
इंडिया टुडे के अनुसार, सर्वेक्षण में IIT कानपुर और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) सहित प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों को शामिल गया था।
ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से आयोजित इस सर्वेक्षण से देशभर के कुल 1.61 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे।
सर्वेक्षण में प्रश्नों के 10 सेट थे, जिसमें पुलिस की संवेदनशीलता, पहुंच, जवाबदेही और प्रौद्योगिकी अपनाने जैसे मुद्दों से निपटने वाले "योग्यता-आधारित संकेतक" के छह सूचकांक थे।
जानकारी
सत्यनिष्ठा और भरासे को लेकर भी पूछे गए थे सवाल
सर्वेक्षण में शामिल पश्नों के सेट में पुलिस की सत्यनिष्ठा से संबंधित 'मूल्य-आधारित संकेतक' के तीन सूचकांक तथा 'ट्रस्ट यानी लोगों में भरोसे' का एक सूचकांक भी शामिल था। इन सभी सवालों के जवाब के आधार पर पुलिस को रैंक दी गई है।
अव्वल
आंध्र प्रदेश पुलिस ने हासिल किया पहला स्थान
IPF स्मार्ट पुलिसिंग इंडेक्स 2021 में आंध्र प्रदेश पुलिस को 8.11 के कुल स्कोर के साथ पहला स्थान मिला है।
इसी तरह तेलंगाना (8.10) को दूसरा, असम (7.89) तीसरा, केरल (7.53) चौथा और सिक्किम (7.18) को पांचवां स्थान मिला है।
इसके उलट बिहार को (5.74) के स्कोर के साथ नीचे से पहला, उत्तर प्रदेश (5.81) दूसरा, छत्तीसगढ़ (5.93) तीसर, झारखंड और पंजाब (6.07) चौथा और नागालैंड (6.11) को पांचवां स्थान मिला है।
परेशानी
पांच श्रेणियों में पिछड़ी बिहार पुलिस
बिहार पुलिस ने पांच श्रेणियों में सबसे कम स्कोर किया। वह सार्वजनिक विश्वास में 5.98, ईमानदारी और भ्रष्टाचार मुक्त सेवा में 4.97, प्रौद्योगिकी अपनाने में 5.81, पुलिस उत्तरदायित्व में 5.84 और पुलिस की संवेदनशीलता के मामले में 5.75 का ही स्कोर कर पाई है।
इसी तरह उत्तर प्रदेश ने तीन श्रेणियों में सबसे कम स्कोर किया है। वह सहायक और मैत्रीपूर्ण पुलिसिंग में 5.59, निष्पक्ष और निष्पक्ष पुलिसिंग में 5.27 और पुलिस जवाबदेही में 5.80 स्कोर कर पाई है।
जानकारी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पुलिस को मिला 12वां स्थान
राजधानी दिल्ली की पुलिस को इस सूची में 12वां स्थान मिला है। वह इस इंडेक्स में 6.85 का ही स्कोर हासिल कर पाई है। दिल्ली से पहले गोवा (6.86), पुडुचेरी (6.91), हिमाचल प्रदेश (6.91), ओडिशा (6.94), गुजरात (7.04) का नंबर शामिल है।
संतुष्टि
देश के 69 प्रतिशत लोग पुलिस से है संतुष्ट
IPF के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व DGP प्रकाश सिंह ने कहा, "सर्वेक्षण प्रधानमंत्री मोदी की स्मार्ट पुलिसिंग पहल पर विभिन्न राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करने का एक प्रयास है। हालांकि, यह देखकर खुशी हो रही है कि देश में 69 प्रतिशत लोग पुलिस व्यवस्था से संतुष्ट हैं।"
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि इस सर्वे के जरिए जहां कमियां देखी गई हैं, वो राज्य इसको लेकर इसे और बेहतर करने का प्रयास करेंगे।"
सराहना
असम DGP ने की राज्य पुलिस की सराहना
स्मार्ट पुलिसिंग इंडेक्स में तीसरा स्थान मिलने के बाद असम के DGP भास्कर ज्योति महंत ने राज्य पुलिस के प्रत्येक सदस्य की सराहना की है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'सर्वे का उद्देश्य 'स्मार्ट पुलिसिंग' प्रणाली के प्रभाव को मापना था, जो प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत की गई अवधारणा है। मुझे गर्व हो रहा है की असम पुलिस ने देश के सभी राज्यों में तीसरा स्थान हासिल किया है! असम पुलिस के प्रत्येक सदस्य को हार्दिक बधाई!'