ओडिशा: पेंशन के लिए 100 वर्षीय बीमार मां को चारपाई पर घसीटकर ले जाना पड़ा बैंक
ओडिशा के नौपाड़ा जिले में एक महिला को अपनी 100 साल की उम्र की मां की पेंशन लेने के लिए उनकी चारपाई को घसीटकर बैंक ले जाना पड़ा। बताया जा रहा है कि बैंक मैनेजर ने बिना फिजिकल वेरिफिकेशन किए महिला की पेंशन देने से मना कर दिया था। वहीं जिलाधिकारी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि मैनेजर वेरिफिकेशन के लिए महिला के घर जाता, उससे पहले ही उसकी बेटी उन्हें बैंक ले आई।
वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया मामला
यह मामला तब सामने आया, जब इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें देखा जा सकता है कि नौपाड़ा के बारगांव की 60 वर्षीय महिला पूंजीमति देई चारपाई घसीटते हुए दिख रही हैं। इस पर उनकी बीमार मां लेटी हुई हैं।
क्या है मामला?
मार्च में केंद्र सरकार ने अप्रैल और जून के लिए महिलाओं के जन धन खाते में 500-500 रुपये भेजने की घोषणा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 9 जून को पूंजीमति उत्कल ग्रामीण बैंक की स्थानीय शाखा से अपनी मां की पेंशन लेने गई थीं, लेकिन बैंक के मैनेजर अजित प्रधान ने पेंशन देने से मना कर दिया। प्रधान ने कहा जब तक खुद खाताधारक महिला बैंक नहीं आएगी, तब तक वो पेंशन का पैसा किसी और को नहीं देंगे।
घटना पर जिलाधिकारी ने दी यह प्रतिक्रिया
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन की किरकरी होने लगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जिलाधिकारी मधुस्मिता साहू ने कहा कि मैनेजर ने महिला को अगले दिन घर आने की बात कही थी, लेकिन वह पहले ही अपनी मां को लेकर बैंक पहुंच गई। साहू ने कहा, "मैनेजर अकेला था इसलिए उसी दिन महिला के घर जाना उसके लिए मुश्किल था। वह जाता उससे पहले ही महिला बैंक आ गई।"
यहां देखिये घटना का वीडियो
पूंजीमति ने कही यह बात
पूंजीमति ने कहा कि उनकी मां बीमार हैं और बिस्तर से उठ नहीं सकती। इसलिए उनके पास चारपाई घसीटकर लाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था। उन्होंने बताया कि उनके जाने के बाद मैनेजर ने पेंशन को पैसा उन्हें दे दिया।
ऐसे मामलों में क्या है RBI के नियम?
ऐसे मामलों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियम साफ है। RBI ने समय-समय पर बैंकों को बुजुर्गों और दिव्यांग आदि ग्राहकों के घर पर जाकर नकदी निकालने, नकदी जमा करने, उनकी रसीद देने, डिमांड ड्राफ्ट को पहुंचाने आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। यानी नियमों के मुताबिक, अगर कोई बुजुर्ग या दिव्यांग ग्राहक बैंक नहीं आ सकता तो बैंक को उसके घर जाकर सेवा मुहैया करानी होगी।