एयरपोर्ट पर सामान के लिए नहीं करना होगा इंतजार, 30 मिनट में मिलेंगे सारे बैग
अगर आप एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद सामान मिलने में होने वाली देरी से परेशान हैं तो जल्द ही आपको इससे राहत मिल सकती है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने एयर इंडिया समेत 7 एयरलाइंस को एयरपोर्ट पर समय पर सामानों की डिलीवरी सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। BCAS के नए नियमों के अनुसार, अब एयरलाइन को लैंडिंग के 30 मिनट के भीतर यात्री को उसके सभी बैग सौंपने होंगे।
26 फरवरी से लागू होंगे नए नियम
BCAS ने एयर इंडिया, इंडिगो, अकासा, स्पाइसजेट, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस कनेक्ट और एयर इंडिया एक्सप्रेस को ये आदेश जारी किया है। इन उपायों को लागू करने के लिए एयरलाइंस को 26 फरवरी तक 10 दिनों की समयसीमा दी गई है। ऑपरेशन, प्रबंधन और डिलीवरी समझौते (OMDA) के अनुसार, विमान का इंजन बंद होने के 10 मिनट के भीतर पहला और 30 मिनट के भीतर आखिरी बैग कन्वेयर बेल्ट पर पहुंचना चाहिए।
6 एयरपोर्ट पर निगरानी कर रहा था BCAS
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देशों के बाद BCAS ने जनवरी से 6 प्रमुख एयरपोर्ट पर सामान के मिलने में लगने वाले समय की निगरानी कर रहा था। इसकी समीक्षा में सामने आया था कि समय में सुधार तो हुआ है, लेकिन ये अनिवार्य मानकों से कम है। इसके बाद अब BCAS ने एयरलाइंस को उनके द्वारा संचालित सभी एयरपोर्ट पर अनिवार्य मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
BCAS ने कहा- यात्री अनुभव बेहतर करना उद्देश्य
BCAS ने एक बयान में कहा, "BCAS सामान वितरण में तेजी लाते हुए उच्च सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है। ये निर्देश सुरक्षा प्रोटोकॉल की दक्षता और पालन दोनों सुनिश्चित करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण के लिए है। समयसीमा नजदीक आने पर विमानन उद्योग BCAS के निर्देशों पर एयरलाइंस की प्रतिक्रियाओं की बारीकी से निगरानी करेगा। इनका उद्देश्य सामान प्रबंधन प्रक्रिया में देरी को कम कर यात्री अनुभव को बेहतर करना है।"
न्यूजबाइट्स प्लस
70 के दशक में विमानों के अपहरण की बढ़ती घटनाओं और सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर निगरानी रखने के लिए 1978 में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अधीन BCAS की स्थापना की गई थी। अप्रैल, 1987 में इसे स्वायत्त विभाग बना दिया गया। इसका काम अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) के मानकों, कार्यप्रणालियों और भारत के राष्ट्रीय नागर विमानन सुरक्षा मानकों के अनुरूप सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल्स के कार्यान्वयन की निगरानी करना है।