NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / भारतीय रेलवे को निजी ट्रेनें चलाने की जरूरत क्यों पड़ी? जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
    अगली खबर
    भारतीय रेलवे को निजी ट्रेनें चलाने की जरूरत क्यों पड़ी? जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

    भारतीय रेलवे को निजी ट्रेनें चलाने की जरूरत क्यों पड़ी? जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

    लेखन प्रमोद कुमार
    Jul 31, 2020
    08:15 pm

    क्या है खबर?

    भारतीय रेलवे के लिए सवारी गाड़ियां फायदे का सौदा नहीं रही हैं। इन गाड़ियों के संचालन पर आने वाली लागत में से केवल 57 फीसदी ही टिकटों के जरिये वसूल हो पाती है।

    रेलवे इस घाटे की भरपाई मालगाड़ियों के जरिये होने वाली कमाई से करता है।

    इसी बीच अब सरकार निजी रेलगाड़ियों के संचालन को बढ़ाने की योजना बना चुकी है।

    आइये, जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जा रहा है और इसकी जरूरत क्यों पड़ी।

    जरूरत

    सेवाओं को सुधारने के लिए रेलवे को भारी निवेश की जरूरत

    मौजूदा हालात में रेलगाड़ियों में मांग से कम सीटें मौजूद हैं। इसके कारण वेटिंग लिस्ट बढ़ती जाती है या ट्रेनों में क्षमता से अधिक लोग सफर करते हैं।

    ऐसे में रेलवे के लिए आधुनिक व्यवस्था लागू करने और बेहतर सेवाओं के लिए नए इंजन और डिब्बे के लिए भारी निवेश की जरूरत होगी।

    इनके अलावा बिजली, कर्मचारियों और दूसरे संसाधनों की लागत रेलवे की जेब पर भारी पड़ेगी, जबकि रेलवे सवारी गाड़ियों के संचालन में घाटे से जूझ रहा है।

    वजह

    निजी रेलगाड़ियां क्यों चलाई जा रही है?

    इसकी सबसे बड़ी वजह घाटे को कम करना और मौके को पैसे कमाने के अवसर में बदलना है।

    मोदी सरकार विचार कर रही है भविष्य में कुछ रेलगाड़ियां निजी कंपनियों द्वारा संचालित की जाएंगी। आज से पहले भारत में ऐसा नहीं किया गया है।

    इसके लिए पटरियां बिछाने, इंजन और डिब्बों की खरीद समेत दूसरे खर्चों के लिए आने वाली लगभग 30,000 करोड़ की लागत निजी कंपनियां वहन करेंगी। यानी अब सरकार को इसके लिए पैसा खर्च नहीं करना होगा।

    जानकारी

    निजी ट्रेनों के लिए एकमात्र शर्त- बेहतर सुविधाएं

    निजी कंपनियों के लिए एकमात्र शर्त यह होगी कि उनकी ट्रेनों में भारतीय रेलवे की तुलना में अधिक सुविधाएं होनी चाहिए। इसके पीछे यात्रियों को बेहतर सहूलियत प्रदान करने का उद्देश्य है और वो भी रेलवे के बिना पैसे खर्च किए हुए।

    समयसीमा

    निजी क्षेत्र कितनी रेलगाड़ियां चलाएगा?

    इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सरकार ने देशभर में 109 व्यस्त रूटों की पहचान की है, जिन पर 35 साल के लिए 151 निजी ट्रेनें (कुल ट्रेनों का 5 प्रतिशत) चलाई जाएंगी।

    इन रूट पर आमतौर पर लंबी वेटिंग लिस्ट रहती है और यहां कमाई के अच्छे अवसर हैं।

    इस प्रोजेक्ट के लिए रूटों को बड़े शहरों जैसे पटना, सिकदंराबाद, बेंगलुरू, जयपुर, प्रयागराज, हावड़ा, चेन्नई, चंडीगढ़, दिल्ली और मुंबई के लिए दो-दो के आधार पर 12 कलस्टर में बांटा गया है।

    नियम

    कौन सी कंपनियों इन ट्रेनों का संचालन करेंगी?

    रेलवे के नियमों के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष में 1,126 करोड़ रुपये से लेकर 1,600 करोड़ रुपये की कुल संपदा वाली कंपनियां इनके लिए आवेदन कर सकती हैं।

    एक कंपनी एक से ज्यादा कलस्टर के लिए भी आवेदन कर सकती है।

    अभी तक GMR, RK एसोसिएट्स, बॉम्बार्डियर, वेदांता ग्रुप, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स, टीटागढ़ वैगन समेत कई कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई है।

    रेलवे की मानना है कि अभी और कंपनियां भी इस सूची में शामिल होंगी।

    जानकारी

    कब तक चलने लगेंगी निजी ट्रेनें?

    माना जा रहा है कि 12 निजी ट्रेनों का पहला सेट 2022-23, 45 ट्रेनों का दूसरा सेट 2023-24, 50 ट्रेनों का तीसरा सेट 2025-26 और बची हुई 44 ट्रेनों का आखिरी सेट 2026-27 से संचालित होने लगेगा।

    सवाल

    जब रेलवे को घाटा हो रहा है तो कंपनियों को फायदा कैसे होगा?

    रेलवे की आंतरिक अध्ययनों से पता चलता है कि यह कंपनियों के लिए फायदे का सौदा रह सकता है।

    दरअसल, निजी कंपनियां अपनी मर्जी से किराया तय कर सकेंगी। साथ ही वो किराये के अलावा दूसरी चीजों से भी कमाई की संभावनाएं तलाश सकती हैं।

    इनके अलावा भारतीय रेलवे की तुलना में इन ट्रेनों का किराया ज्यादा होगा।

    हालांकि, फिर भी कुछ जानकारों का कहना है कि यह जोखिम भरा काम है और कंपनियों को इस पर विचार करना चाहिए।

    सुविधा

    निजी ट्रेनों में यात्रियों को क्या सुविधाएं मिलेंगी?

    निजी कंपनियों की ट्रेनों को भारतीय रेलवे की तुलना में उन्नत होना होगा और उन्हें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ना होगा। भारतीय रेलवे की ट्रेनों की रफ्तार इससे कम है।

    निजी ट्रेनों को सभी सुरक्षा मापदंडों पर खरा उतरना होगा। हर ट्रेन में 16 डिब्बे लगे होंगे।

    संचालन शुरू होने से पहले उनका ट्रायल किया जाएगा। इसके अलावा सेवाओं और टिकटों के दाम निर्धारण में निजी कंपनियों को पूरी छूट होगी।

    जानकारी

    रेलवे को इससे क्या फायदा होगा?

    जो कंपनी अपने राजस्व में से सबसे ज्यादा हिस्सा रेलवे को देने को तैयार होगी, उसे ही ट्रेनों के संचालन की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा रेलवे को प्रति किलोमीटर के हिसाब से एक्सेस चार्ज भी मिलेगा। इसे अभी तय नहीं किया गया है।

    सौदा

    रेलवे निजी कंपनियों को क्या देगा?

    बदले में रेलवे निजी ट्रेनों को बिना भेदभाव वाली एक्सेस देने को बाध्य होगा।

    इसका मतलब यह है कि रेलवे अपनी और निजी ट्रेनों में किसी तरह का भेदभाव नहीं करेगा और एक के बदले दूसरी को प्राथमिकता नहीं देगा।

    इसके अलावा इसे अपने पूरे सिस्टम को इंफ्रास्ट्रक्चर को बिल्कुल तैयार रखना होगा। अगर निजी ट्रेनें इसमें किसी खामी के कारण तय मानकों पर खरा नहीं उतर पाएंगी तो रेलवे को उसका भुगतान करना पड़ेगा।

    जानकारी

    मरम्मत सुविधा लगाने के लिए जमीन देगा रेलवे

    समझौते के तहत रेलवे निजी कंपनियों को मरम्मत सुविधाएं लगाने के लिए जमीन देगा। इसके अलावा वह ट्रेनों की साफ-सफाई के लिए अपनी वाशिंग लाइन इस्तेमाल करने देगा। 35 साल पूरे होने के बाद वो सभी सुविधाएं रेलवे के तहत आ जाएंगी।

    बड़ा सवाल

    क्या यह रेलवे का निजीकरण है?

    विपक्ष और रेलवे यूनियनों ने इस फैसले का विरोध किया है। इनका कहना है कि यह रेलवे का निजीकरण करने की तरफ बढ़ाया गया कदम है। यूनियनों ने इसे लेकर कई मौकों पर विरोध प्रदर्शन भी किए हैं।

    दूसरी तरफ रेलवे बोर्ड के प्रमुख वीके यादव ने इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) बताया है।

    रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना था कि रेलवे को निजी हाथों में सौंपने का कोई विचार नहीं है। ऐसा नहीं होगा।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    दिल्ली
    जयपुर
    पटना
    भारतीय रेलवे

    ताज़ा खबरें

    शेयर बाजार में अगले सप्ताह आ रहे 5 IPO, 3 कंपनियां होंगी सूचीबद्ध  शेयर बाजार समाचार
    IPL 2025: LSG बनाम SRH मुकाबले की ड्रीम इलेवन, प्रीव्यू और अहम आंकड़े  IPL 2025
    AMT गियरबॉक्स के कारण गाड़ी में क्यों लगते हैं झटके? जानिए कैसे पाएं छुटकारा  कार
    हैदराबाद के गुलजार हाउस के पास लगी भीषण आग, बच्चों समेत 17 लोगों की मौत तेलंगाना

    दिल्ली

    कोरोना: प्रधानमंत्री ने की दिल्ली के प्रयासों की सराहना, अन्य राज्यों से की अनुसरण की अपील नरेंद्र मोदी
    कोरोना वायरस: भारत में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 28,637 नए मामले, 551 की मौत भारत की खबरें
    दिल्ली सरकार ने अपनी यूनिवर्सिटीज की सभी परीक्षाएं की रद्द, छात्रों को मिली राहत नरेंद्र मोदी
    राजस्थान में चढ़ा सियासी पारा, गहलोत खेमा बोला- भाजपा के संपर्क में हैं सचिन पायलट राजस्थान

    जयपुर

    बीमार लड़की के पिता ने मांगी इच्छामृत्यु या आर्थिक मदद, प्रधानमंत्री ने दिए 30 लाख रुपये नरेंद्र मोदी
    भीड़ का शिकार बने पहलू खान के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने दायर की चार्जशीट हरियाणा
    भाजपा सांसद का दावा- राम के बेटे कुश का वंशज है उनका परिवार, दिखाए दस्तावेज भारतीय सुप्रीम कोर्ट
    कुश के वंशजों के दावे के बाद करणी सेना प्रमुख ने कहा- मैं लव का वंशज भारतीय सुप्रीम कोर्ट

    पटना

    मुश्किलों में घिर सकते हैं राहुल गांधी, धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में शिकायत दर्ज बिहार
    होली को ध्यान में रखकर IRCTC ने दिल्ली से शुरू की चार विशेष ट्रेनें, जानें विवरण दिल्ली
    बिहारः दिमागी बुखार से मरने वालों की संख्या 100 पार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पटना पहुंचे बिहार
    बिहार: पटना में फुटपाथ पर सो रहे बच्चों को कुचलने वाले युवक की मॉब लिंचिंग बिहार

    भारतीय रेलवे

    दिल्ली-वाराणसी रूट पर चलेगी 'ट्रेन 18', प्रधानमंत्री मोदी दिखाएंगे हरी झंडी भारत की खबरें
    भारतीय रेलवे: इन परिस्थितियों में आपके रिफ़ंड का दावा किया जा सकता है अस्वीकार, जानें भारत की खबरें
    कानपुर में बड़ा रेल हादसा, पूर्वा एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतरे, 20 घायल दिल्ली
    LPG सिलेंजर की तर्ज पर यात्रियों से टिकट सब्सिडी छोड़ने की अपील करेगा रेलवे देश
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025