बीमार लड़की के पिता ने मांगी इच्छामृत्यु या आर्थिक मदद, प्रधानमंत्री ने दिए 30 लाख रुपये
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंभीर बीमारी से जूझ रही ललिता के इलाज के लिए 30 लाख रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है। ललिता को अप्लास्टिक एनीमिया नामक गंभीर बीमारी है और वह पिछले 2 साल से बीमार है। उसके पिता ने प्रधानमंत्री से उसकी बेटी के इलाज के लिए पैसे या पूरे परिवार को इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने पिता की गुहार सुनते हुए ललिता के इलाज के लिए 30 लाख रुपये मंजूर कर दिए।
क्या है अप्लास्टिक एनीमिया बीमारी?
उत्तर प्रदेश के आगरा के दौहरई, कुबेरपुर निवासी ललिता पिछले 2 साल से अप्लास्टिक एनीमिया से जूझ रही है। अप्लास्टिक एनीमिया एक गंभीर बीमारी है जिसमें शरीर पर्याप्त नई रक्त कोशिकाएं बनाना बंद कर देता है। साथ ही पीड़ित का बोन मैरो नष्ट होना शुरू हो जाता है। बोन मैरो में ही रक्त कोशिकाओं को निर्माण होता है। इस बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को संक्रमण और अनियंत्रित ब्लीडिंग का ज्यादा खतरा रहता है।
पिता ने इलाज के लिए बेच दी जमीन
ललिता के पिता सुमेर सिंह ने बेटी के इलाज के लिए हरसंभव प्रयास किए और अपनी जमीन तक बेच दी। उन्होंने समाचार एजेंसी ANI को बताया, "मैं चाहता हूं कि सरकार मेरी बेटी के इलाज में सहायता करें। मैं अपनी जमीन बेच चुका हूं। मेरा घर गिरवी रखा है। मैं पहले ही उसके इलाज पर 7 लाख रुपये खर्च कर चुका हूं। अगर वो ठीक नहीं हो सकती तो मैं मरने की कामना करता हूं।"
बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए 10 लाख रुपये की थी जरूरत
ललिता को जब जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में दिखाया गया तो डॉक्टरों ने बताया कि उसे जिंदा रहने के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन का खर्च 10 लाख रुपये बताया। परिवार के पास इतने रुपये न होने पर सुमेर ने प्रधानमंत्री मोदी को मदद की गुहार लगाई। अपने पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से उनकी बेटी का इलाज कराने या फिर पूरे परिवार को इच्छामृत्यु की अनुमति देने को कहा।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से जारी हुए पैसे
अब प्रधानमंत्री मोदी ने ललिता के इलाज के लिए 30 लाख रुपये मंजूर कर दिए हैं, जिससे उसका इलाज संभव हो सकेगा। उसे जल्द ही सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। ये पैसा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से जारी किया गया है।