#NewsBytesExplainer: क्या है स्वदेशी 'आकाश' वायु रक्षा प्रणाली, जिसे कहा जा रहा भारत का 'आयरन डोम'?
भारत ने पहली बार स्वदेशी वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली विकसित की है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर तैयार किया है। इस स्वदेशी मिसाइल प्रणाली को 'आकाश' नाम दिया गया है, जिसका हाल ही में सफल परीक्षण हुआ। कई देशों ने भारत में तैयार इस उन्नत रक्षा प्रणाली को खरीदने में रुचि दिखाई है। आइए जानते हैं कि क्यों इसे भारत के 'आयरन डोम' के रूप में देखा जा रहा है।
सबसे पहले जानें क्या है आयरन डोम
इजरायल की जमीन से हवा में मार करने वाली वायु रक्षा प्रणाली को 'आयरन डोम' कहा जाता है। ये प्रणाली किसी भी मिसाइल, रॉकेट, मोर्टार और मानव रहित हवाई विमान (UAV) को हवा में ही मार गिरा देती है और इजरायल इसका इस्तेमाल दुश्मनों के हमले से निपटने के लिए करता है। इस प्रणाली ने इजरायल को लगभग एक अभेद्य किले में बदल दिया था। हालांकि, अक्टूबर में एक साथ हजारों रॉकेट छोड़कर हमास इसे भेदने में कामयाब रहा।
क्यों हो रही तुलना?
आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की तुलना इजरायल के आयरन डोम से करने की कई वजह हैं। ये स्वदेशी प्रणाली इजरायली आयरन डोम से बहुत बड़ी है और इसे रॉकेट, मोर्टार, ड्रोन और UAV हमलों के साथ-साथ विमानों से होने वाले हमलों को रोकने के लिए विकसित किया गया है। इस मतलब है कि इसे मुख्य रूप से छोटे रॉकेटों की तुलना में बड़े हवाई हमलों से बचाव के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या है खासियत?
ये स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली 25 किलोमीटर की दूरी पर एक साथ 4 हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है। DRDO के अनुसार, भारत सिंगल फायरिंग यूनिट का इस्तेमाल करके ऐसी क्षमता रखने वाला पहला देश बन गया है। भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना लगातार इस स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली के आधुनिक वर्जन की टेस्टिंग कर रही है। इसकी मारक क्षमता को और भी बढ़ाया जाएगा।
आकाश मिसाइल के कितने वर्जन हैं?
सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) 'आकाश' दशकों से भारतीय सेना में तैनात है और अभी इसके 3 वर्जन मौजूद हैं। इनमें पहला आकाश-MK, दूसरा आकाश-MK-2 और तीसरा आकाश-NG है। तीनों मिसाइल की रेंज क्रमश: 30 किलोमीटर, 40 किलोमीटर और 80 किलोमीटर के करीब है। सबसे एडवांस आकाश-NG मिसाइल 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के विमान या मिसाइल को नष्ट कर सकती है और इसकी रफ्तार 3,087 किलोमीटर प्रति घंटे के करीब है।
अन्य मिसाइलों के लिए कितनी कारगर है प्रणाली?
आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को अलग-अलग इंटरसेप्टर मिसाइलें लॉन्च करने के लिए तैयार किया गया है। इससे 150 से 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें दागी जा सकती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2028-2029 तक भारत लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली लाने के लिए तैयार है। ये अपनी रेंज में आने वाले स्टील्थ लड़ाकू विमानों, सैन्य विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों का सटीक पता लगाकर उन्हें नष्ट कर देगी।
किन देशों ने भारत की प्रणाली में जताई रुचि?
भारत में विकसित आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को खरीदने में कई मित्र देशों ने रुचि जताई है। इनमें फिलीपींस, ब्राजील और मिस्र जैसे देशों का नाम शामिल है। इसके साथ ही आर्मेनिया ने भारत की नई वायु रक्षा प्रणाली को खरीदने के लिए बड़ा ऑर्डर दिया है। उसने 60 करोड़ डॉलर (लगभग 5,000 करोड़ रुपये) में ये प्रणाली और मिसाइलें खरीदी हैं। आगे चलकर अन्य देशों से भी इस मिसाइल प्रणाली के ऑर्डर आने की उम्मीद है।