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अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटके उत्तर भारत में क्यों महसूस किए गए? 
उत्तर भारत में महसूस किए गए अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटके

अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटके उत्तर भारत में क्यों महसूस किए गए? 

लेखन नवीन
Mar 22, 2023
02:28 pm

क्या है खबर?

राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में मंगलवार रात 6.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 300 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व की तरफ जुर्म के पास था, जो ताजिकिस्तान की सीमा के काफी करीब है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में तूफान से जान-माल का नुकसान हुआ है। अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटके उत्तर भारत में क्यों महसूस किये गए, आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

भूकंप

क्यों आते हैं भूकंप? 

धरती के नीचे मौजूद टेक्टोनिकल प्लेटों में हलचल के कारण भूकंप आते हैं। इसके अलावा ज्वालामुखी फटने और परमाणु हथियारों की टेस्टिंग भी भूकंप ला सकती है। भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है और इसका अंदाजा भूकंप के केंद्र से निकलने वाली तरंगों से लगता है। भूकंप का केंद्र सतह से जितना नीचे होगा, तबाही भी उतनी ही कम होगी। दुनिया के कई क्षेत्र संवेदनशील हिस्से में पड़ते हैं और वहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

वैज्ञानिक

अफगानिस्तान के भूकंप के झटके भारत में क्यों आए?

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, अफगानिस्तान में आया यह भूकंप काफी गहरा था और इसकी उत्पत्ति धरती की सतह से 187.6 किलोमीटर नीचे हुई। USGS ने कहा कि गहरे भूकंप अधिक दूरी तक महसूस किये जाते हैं और इसी कारण अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटके भारत के अधिकांश हिस्सों में महसूस किये गए। उन्होंने कहा कि हिमालय अफगानिस्तान की हिंदू कुश पहाड़ियों से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है और यहां भूकंप आना आम बात है।

भूकंप

कितना विनाशकारी हो सकता है भूकंप ? 

USGC का कहना है कि भूकंप कितना विनाशकारी होगा, यह उसकी गहराई और तीव्रता पर निर्भर करता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि उथले भूकंप अधिक विनाशकारी होते हैं क्योंकि सतह पर उभरने पर उनमें अधिक ऊर्जा होती है, जबकि इसके मुकाबले गहराई में आए भूकंप जब तक सतह पर आते हैं, तब तक वह अपनी अधिकांश ऊर्जा खो देते हैं। इसी वजह से गहराई में आए भूकंप की तरंगें सतह पर पहुंचने से पहले अधिक दूरी तक जाती हैं।

खतरा

अफगानिस्तान में आए भूकंपों से भारत को कितना खतरा?

वैज्ञानिकों का मनाना है कि अफगानिस्तान में आए 6 से अधिक तीव्रता के भूकंपों से भारत में ज्यादा नुकसान होने की संभावना कम है। साल 2018 में भी इसी तरह का 6.1 तीव्रता का भूकंप इस जगह के बहुत करीब आया था और इसे भी उत्तरी भारत के अधिकांश हिस्सों में महसूस किया गया था। पिछले साल पूर्वी अफगानिस्तान में 6.1 तीव्रता के भूकंप में 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे।

भूकंप

पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भूकंप का अधिक खतरा- वैज्ञानिक 

पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र दुनिया के सबसे खतरनाक भूकंप जोन में से एक है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हिंदू कुश के पहाड़ों से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 2,500 किलोमीटर तक फैले पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में कभी भी रिक्टर पैमाने पर 8 से अधिक तीव्रता का बड़ा भूकंप आ सकता है। बीते सालों में यहां पर धरती के नीचे मौजूद टेक्टोनिकल प्लेटों में काफी हलचल महसूस की गई है, जो कभी भी विनाशकारी भूकंप का कारण बन सकती है।

भविष्यवाणी

क्या भूकंप को लेकर हो सकती है भविष्यवाणी? 

वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप काफी अप्रत्याशित होते हैं, जिनकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है और भूकंप की कोई पूर्व चेतावनी देने वाली सिस्टम भी मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि भूकंप की उत्पत्ति के बाद ही चेतावनी जारी होती है क्योंकि सतह तक पहुंचने में इसे कुछ समय लगता है। भूकंपीय तरंगों की गति प्रकाश की गति से काफी धीमी होती है और यह 5 से 13 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से यात्रा करती हैं।