काबुल: स्कूल और ट्यूशन सेंटर के पास तीन बम धमाके, कई लोगों के मरने की आशंका
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आज सुबह एक स्कूल और एक ट्यूशन सेंटर के पास तीन बम धमाके हुए। इन धमाकों में कई लोगों के मरने और घायल होने की आशंका है। तालिबानी सरकार के गृह मंत्रालय ने धमाकों की पुष्टि की है, हालांकि उसने अभी तक किसी के मरने की जानकारी नहीं दी है। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इन धमाकों की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस दिशा में जांच की जा रही है।
कोचिंग सेंटर के पास हुआ पहला धमाका, स्कूल में हुए दो धमाके
प्रत्यक्षदर्शियों ने अफगानिस्तान के टोलो न्यूज को बताया कि पहला धमाका पश्चिमी काबुल में स्थित मुमताज ट्यूशन सेंटर के पास हुआ। इसके बाद इसी इलाके में स्थित अब्दुल रहीम शहीद हाई स्कूल में एक के बाद एक दो धमाके हुए। चश्मदीदों के मुताबिक, हाई स्कूल में ऐसे समय पर धमाका हुआ जब छात्र कक्षाओं से जा रहे थे। गृह मंत्रालय ने कहा कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है और अन्य जानकारियां जल्द ही साझा की जाएंगी।
धमाके में कम से कम चार लोगों की मौत, लगभग 21 घायल
काबुल की सुरक्षा संभालने वाली काबुल कमांडर के प्रवक्ता खालिद जदरान ने धमाकों की पुष्टि करते हुए कहा कि इनमें कुछ शिया मुस्लिम हताहत हुए हैं। वहीं एक अस्पताल के नर्सिंग विभाग के प्रमुख ने नाम न छापने की शर्त पर अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि धमाकों में कम से कम चार लोगों की मौत हुई है और 14 लोग घायल हुए हैं। एक और अस्पताल ने उसके यहां सात बच्चों के भर्ती होने की जानकारी दी है।
इलाके में रहते हैं अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय के लोग
जिस इलाके में धमाके हुए हैं, वहां शिया हजारा समुदाय के कई लोग रहते हैं। ये एक जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूह है जिसे अफगानिस्तान में अत्याचारों का सामना करना पड़ा है। हालिया समय में कई सुन्नी आतंकी सगंठन हजारा समुदाय को निशाना बना चुके हैं। इन संगठनों में इस्लामिक स्टेट भी शामिल है जो अफगानिस्तान में अपने पैर पसार रहा है। हालांकि आज हुआ धमाकों की अभी तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
हालिया समय में सबसे बड़े हमला हैं धमाके
बता दें कि पिछले कुछ समय से अफगानिस्तान में हिंसा में कमी देखी जा रही थी और आज के धमाके हालिया समय के सबसे बड़े हमलों में शामिल हैं। पिछले साल अगस्त में देश पर कब्जा करने वाले तालिबान का कहना है कि उसे देश को सुरक्षित किया है, हालांकि विशेषज्ञ उसके इस दावे को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। देश में मिलिटेंसी के फिर से जिंदा होने का खतरा बरकरार है और IS अपने पैर पसार रहा है।