उत्तराखंड बचाव अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले अर्नाल्ड डिक्स कौन हैं?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। मजूदरों को बचाने के लिए बीते 17 दिनों से राज्य और केंद्र सरकार की तमाम एजेंसियों समेत कई विशेषज्ञ जुटे हुए थे। इनमें सुरंग विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स का नाम भी शामिल हैं। सुरंग के बाहर बने मंदिर में पूजा करते हुए आपने डिक्स की तस्वीर जरूर देखी होगी। आइए जानते हैं कि डिक्स कौन हैं।
कौन हैं अर्नाल्ड डिक्स?
ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले डिक्स भूमिगत सुरंग बनाने में दुनिया के सबसे बेहतरीन विशेषज्ञ के तौर पर जाने जाते हैं। वे इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। डिक्स ने ब्रिटेन के हैलेबरी से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद वे ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी से कानून के साथ भू-तकनीकी और इंजीनियरिंग साइंस की पढ़ाई भी कर चुके हैं। यानी वे इंजीनियरिंग, भूविज्ञान और कानून जैसे 3 विषयों के जानकार हैं।
दुनिया के बेहतरीन सुरंग विशेषज्ञ माने जाते हैं डिक्स
डिक्स भूमिगत सुरंग और परिवहन बुनियादी ढांचे बनाने में विशेषज्ञ हैं। कई बड़ी परियोजनाओं में निर्माण से लेकर तकनीकी और सुरक्षा के लिहाज से जरूरी हर काम डिक्स के नेतृत्व में पूरा किया गया है। अपने 3 दशक लंबे करियर में डिक्स अमेरिका के 9/11 आतंकी हमले, लंदन और मैड्रिड में हुए बम विस्फोट और हांगकांग मेट्रो आग जैसी कई आपदाओं में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वे कई अंतरराष्ट्रीय परियोजना बोर्ड और सुरक्षा पेनलों के सदस्य भी रहे हैं।
डिक्स को मिले हैं कई सम्मान
डिक्स इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने जाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई हैं। उन्हें 2011 में सुरंग-अग्नि सुरक्षा में योगदान के लिए एलन नेलैंड ऑस्ट्रेलेशियन टनलिंग सोसाइटी के द्विवार्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह ऑस्ट्रेलिया में सुरंग बनाने वाले पेशेवरों के लिए सर्वोच्च सम्मान है। 2022 में उन्हें अमेरिका के नेशनल फायर प्रोटेक्शन एसोसिएशन की ओर से कमेटी सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। वे कई कंपनियों में तकनीकी सलाह के लिए आमंत्रित किए जाते हैं।
उत्तराखंड बचाव अभियान में क्या थी डिक्स की भूमिका?
बचाव अभियान में 20 नवंबर से डिक्स शामिल हुए। तब से पूरे अभियान का नेतृत्व डिक्स ही कर रहे हैं। डिक्स ने मौके पर पहुंचते ही बचाव टीम से बात की और जगह का निरीक्षण किया। डिक्स ने कई बार अपने बयानों से भरोसा दिलाया कि वे मजदूरों को बाहर निकाल लेंगे। डिक्स ने पूरे अभियान में मजदूरों और बचावकर्मियों की सुरक्षा पर जोर दिया। इस दौरान वे सुरंग के मुहाने पर बने मंदिर में प्रार्थना करते भी नजर आए।
12 नवंबर की सुबह हुआ था हादसा
12 नवंबर की सुबह लगभग 5:00 बजे भूस्खलन के चलते उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसके कारण 8 राज्यों के 41 मजदूर सुरंग में अंदर फंस गए थे। मजदूरों को बचाने के लिए सुरंग में 5 तरफ से ड्रिलिंग की जा रही थी, जिसमें अलग-अलग एजेंसियां जुटी हुई थीं। आखिरकार करीब 400 घंटे बाद बचाव एजेंसियों को अभियान में सफलता मिली और मजदूर बाहर आए।