दिल्ली: फैक्ट्री में लगी आग; बचाव कार्य के दौरान धमाके में ढही इमारत, कई फंसे
पश्चिमी दिल्ली के पीरागढ़ी की एक फैक्ट्री आज सुबह आग लगने के बाद धाराशाई हो गई। कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। फायर ब्रिगेड की 35 गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले पिछले महीने दिल्ली के अनाज मंडी स्थित एक इमारत में भी भीषण आग लगी थी जिसमें 43 लोगों की मौत हुई थी।
फायर विभाग को सुबह 04:30 बजे मिली थी आग लगने की सूचना
अधिकारियों के अनुसार, फायर विभाग को सुबह 04:30 बजे फोन पर पीरागढ़ी की इस इमारत में आग लगने की सूचना मिली। सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की सात गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और बचाव कार्य शुरू हुआ। लेकिन बचाव कार्य के दौरान फैक्ट्री में एक धमाका हुआ और इमारत ढह गई। मलबे में लोगों के साथ-साथ फायर ब्रिगेड के कर्मचारी भी फंस गए। सभी को बचाने के प्रयास जारी हैं।
बचाव कार्य के दौरान हुआ धमाका
अनाज मंडी अग्निकांड में हुई थी 43 लोगों की मौत
पिछले एक महीने में दिल्ली की किसी इमारत में आग लगने की ये दूसरी घटना है। इससे पहले 8 दिसंबर को रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी की एक इमारत में भीषण आग लगी थी। इस अग्निकांड में 43 लोगों की मौत हो गई थी जबकि दर्जनों घायल हुए थे। मारे गए ज्यादातर लोग झारखंड और बिहार से आए मजदूर थे और सुबह अंधेरे में जिस समय आग लगी उनमें से अधिकांश सो रहे थे।
इमारत में होता था गैरकानूनी निर्माण कार्य
इस इमारत में गैरकानूनी निर्माण कार्य होता था और दूसरी मंजिल पर एक इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट से लगी थी। इमारत से बाहर निकलने के लिए केवल एक पतला सा रास्ता था, जबकि दूसरा रास्ता कच्चे माल से बंद हो रखा था।
प्रशासन की लापरवाही से लगातार हो रहीं ऐसी घटनाएं
'एशियन एज' की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में दिल्ली में आग लगने की घटनाओं में 90 लोगों की मौत हुई। ऐसी घटनाओं का लगातार होना और इनका बढ़ना प्रशासन की ओर से लापरवाही को दर्शाता है। लेकिन अगर अधिकारियों की मानें तो ज्यादातर इमारतें जिनमें आग लगने की घटनाएं हुईं, उनमें अवैध कार्य हो रहे थे। हालांकि ऐसे अवैध कार्यों और इमारतों पर रोक लगाना भी प्रशासन का कार्य है।