उत्तराखंड: सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए क्या-क्या किया जा रहा है?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में रविवार को हुए भूस्खलन के बाद से फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए राहत बचाव कार्य जारी है। अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन और एक स्टील के पाइप के जरिए मजदूरों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू कर दिया गया है। बचाव कार्य पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार नजर बनाए हुए हैं। आइए जानते हैं कैसे बचाव टीम फंसे मजदूरों को बचाने में जुटी है।
कैसे और कब हुआ हादसा?
रविवार सुबह लगभग 5:00 बजे उत्तरकाशी में भूस्खलन के चलते ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसमें 40 मजदूर अंदर फंस गए। इनमें झारखंड के 15, उत्तर प्रदेश के 8, ओडिशा के 5, बिहार के 4, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल का एक मजदूर शामिल है। सभी मजदूर सुरंग में सुरक्षित हैं। उन्हें खाने-पीने की चीजें लगातार मुहैया कराई जा रही हैं।
मजदूरों के पास चलने के लिए 400 मीटर का बफर जोन
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, बचाव टीम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, "मजदूर बफर जोन में फंसे हुए हैं। उन्हें पानी की पाइपलाइनों के जरिए मदद पहुंचाई जा रही। उनके पास चलने और सांस लेने के लिए लगभग 400 मीटर का बफर जोन है।"
बचाव कार्य में अब तक क्या किया गया?
बचाव टीम रविवार से ही मजदूरों तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाने की कोशिश कर रही है। उत्तरकाशी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अर्पण यदुवंशी ने सोमवार को बताया कि 60 मीटर मलबे में से 20 मीटर से अधिक मलबा हटा दिया गया है। कंक्रीट, गंदगी और मलबे को हटाने के लिए 2 खनन मशीन और भारी उत्खनन का उपयोग किया जा रहा। बचाव टीम वॉकी-टॉकी के जरिये मजदूरों से संपर्क में है।
आगे क्या योजना?
मजदूरों को निकालने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है, लेकिन ढीले मलबे की वजह से बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। बचाव टीम अब मलबे के ढेर में छेद करके 900 मिमी व्यास वाले पाइपों को डालने की योजना बना रही है, जो फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए पर्याप्त चौड़े हैं। इसके लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसके लिए प्लेटफॉर्म भी तैयार हैं। मौके पर विशेषज्ञ और इंजीनियर भी पहुंच चुके हैं।
कब तक पूरा हो सकता है अभियान?
ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी भी सोमवार रात बचाव स्थल पर पहुंच गए। समाचार एजेंसी ANI ने उत्तरकाशी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा, "हमें उम्मीद है कि मंगलवार की शाम तक अंदर फंसे 40 लोगों को निकाल लिया जाएगा।" आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने भी कहा कि मंगलवार रात या बुधवार तक सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
मजदूरों के लिए मेडिकल टीम भी है तैयार
मजदूरों के लिए पहले ही मेडिकल सहायता को तैयार रखा गया है। उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर सी एस पंवार ने बताया कि सुरंग के पास 6 बेड का अस्थायी चिकित्सालय तैयार है और मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ मेडिकल टीमें तैनात हैं। इससे मजदूरों के बाहर निकलने पर उन्हें तत्काल चिकित्सकीय मदद दी जा सकेगी। बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने इस संबंध में आज वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश भी दिए।
विशेष टीम सौंपेगी रिपोर्ट
सिलक्यारा के पास सुरंग टूटने की घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 8 वैज्ञानिकों की एक टीम मौके पर पहुंची है, जो घटना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेगी।