NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / उत्तराखंड: सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए इस्तेमाल होने वाली ट्रेंचलेस तकनीक क्या है?
    अगली खबर
    उत्तराखंड: सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए इस्तेमाल होने वाली ट्रेंचलेस तकनीक क्या है?
    ट्रेंचलेंस तकनीक से बचेगी सुरंग में फंसे मजदूरों की जान

    उत्तराखंड: सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए इस्तेमाल होने वाली ट्रेंचलेस तकनीक क्या है?

    लेखन महिमा
    Nov 15, 2023
    02:51 pm

    क्या है खबर?

    उत्तराखंड में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग ढहने की वजह से पिछले 3 दिनों से 40 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं।

    बचाव दल मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अभी भी संघर्ष कर रहे हैं।

    शॉर्टक्रेटिंग तकनीक का इस्तेमाल कर सुरंग बनाई जा रही थी, लेकिन इस दौरान ऊपर से और अधिक मलबा गिर गया, जिसने परेशानी और बढ़ा दी है।

    अब मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए ट्रेंचलेंस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    ट्रेंचलेंस तकनीक

    सबसे पहले जानते हैं ट्रेंचलेंस तकनीक क्या है? 

    ट्रेंचलेस तकनीक पुराने पाइप को हटाने और उसके स्थान पर एपॉक्सी सीलर्स के साथ एक नई पाइपलाइन लगाने की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के लिए पाइप, ड्रिल पाइप, केबल और सतही ड्रिलिंग रिंग का इस्तेमाल किया जाता है।

    इस तकनीक को माइक्रो टनलिंग तकनीक भी कहते हैं। इस तकनीक के जरिए बिना खुदाई के किये सुरंग बनाई जाती है।

    इस तकनीक का इस्तेमाल भूमिगत पाइपलाइन या सीवरलाइन के लिए किया जाता है।

    तकनीक

    मजदूरों को इस तकनीक से कैसे निकाला जाएगा?

    नई योजना के तहत ट्रेंचलेस तकनीक की मदद से 900 मिमी व्यास वाले माइल्ड स्टील पाइपों के माध्यम से रास्ता बनाया जा रहा है।

    एक ऑगर ड्रिलिंग मशीन में घूमने वाले शाफ्ट से जुड़ी एक स्पाइरल ब्लेड लगी है, जो मिट्टी को ड्रिल करते हुए छेद से दूर धकेलेगी।

    इसके बाद पाइपों को मलबे के ढेर के माध्यम से धकेला जाएगा, जिससे अंदर के लोगों के लिए रेंगने के लिए पर्याप्त चौड़ा रास्ता बन सकेगा।

    जानकारी

    ट्रेंचलेंस तकनीक से क्या होगा लाभ?

    यह अन्य तकनीकों से अधिक सुरक्षित है, खासकर जब तंग इलाकों में भूमिगत रोड या पाइप लगाने की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रक्रिया के दौरान सुरंग में कीचड़ और पानी जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है और इससे भूस्खलन भी नहीं होता।

    विरोध

    बचाव अभियान के बीच अचानक शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन

    पहले ही बचाव अभियान के दौरान बचाव दल को कई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अब मजदूर अपने साथी मजदूरों को बाहर निकालने की मांग करते हुए बचाव अधिकारियों से भिड़ गए।

    ANI के मुताबिक, यह मजदूरों इस दौरान "हमारे आदमी निकालो" जैसे नारे भी लगा रहे हैं।

    इस विरोध प्रदर्शन से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। स्थानीय अधिकारी मजदूरों को समझाने के प्रयास में जुटे हैं।

    मामला

    सुरंग में कैसे फंसे मजदूर?

    रविवार सुबह लगभग 5:00 बजे उत्तरकाशी में भूस्खलन के चलते ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसमें 40 मजदूर अंदर फंस गए।

    इनमें झारखंड के 15, उत्तर प्रदेश के 8, ओडिशा के 5, बिहार के 4, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल का एक मजदूर शामिल है।

    सभी मजदूर सुरंग में सुरक्षित हैं। उन्हें खाने-पीने की चीजें लगातार मुहैया कराई जा रही हैं।

    सुरक्षित

    मजदूरों के संपर्क में हैं बचाव दल

    एक अधिकारी ने कहा कि बचाव दलों ने वॉकी-टॉकी के जरिए मजदूरों के साथ सफलतापूर्वक बातचीत की है।

    उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा, "अंदर फंसे सभी 40 मजदूर सुरक्षित और स्वस्थ हैं। कुछ दवाएं मुहैया कराई गई हैं।"

    अंदर फंसे मजदूरों में से एक गब्बर सिंह नेगी ने अपने बेटे से बात की। उन्होंने कहा कि अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं और चिंता करने की जरूरत नहीं है।"

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    उत्तराखंड
    बचाव अभियान

    ताज़ा खबरें

    कार के वाइपर का इस्तेमाल करते समय न करें ये गलतियां, इन बातों का रखें ध्यान  कार
    इस्तांबुल शांति वार्ता: रूस ने यूक्रेन के साथ बिना शर्त युद्ध विराम से किया इनकार रूस समाचार
    बिहार के मुजफ्फरपुर में नाबालिग की रेप के बाद हत्या मामले में अब तक क्या-क्या हुआ? बिहार
    'हाउसफुल 5' से पहले देख डालिए इस लोकप्रिय कॉमेडी फ्रैंचाइजी के चारों भाग, जानिए कहां हाउसफुल फिल्म

    उत्तराखंड

    उत्तराखंड: केदारनाथ मार्ग पर गौरीकुंड के पास भयंकर भूस्खलन, कई लोगों के दबे होने की आशंका केदारनाथ
    उत्तराखंड: केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन के कारण 3 मंजिला होटल गिरा, यातायात प्रभावित केदारनाथ
    मौसम विभाग का कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, उत्तराखंड में भूस्खलन से 7 मौतें बारिश
    उत्तराखंड: भारी बारिश के कारण देहरादून में डिफेंस कॉलेज की इमारत नदी में समाई, सड़कें बंद देहरादून

    बचाव अभियान

    मेघालयः खदान में फंसे मजदूरों को निकालने का काम जारी, पानी की सतह तक पहुंचे गोताखोर भारत की खबरें
    मेघालयः खदान में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए किया जाएगा रोबॉटिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भारतीय सुप्रीम कोर्ट
    मेघालयः खदान में फंसे 15 मजदूरों में से एक का शव बरामद, बचाव अभियान जारी भारतीय सुप्रीम कोर्ट
    लद्दाखः हिमस्खलन की चपेट में आए कई वाहन, 3 लोगों की मौत, बचाव अभियान जारी जम्मू-कश्मीर
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025