हरियाणा: कम आय वाले परिवारों की लड़कियों को स्नातकोत्तर तक मिलेगी मुफ्त शिक्षा- मुख्यमंत्री
क्या है खबर?
हरियाणा में लड़कियों की साक्षरता का स्तर बेहतर करने के लिए सोमवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।
राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऐलान किया कि राज्य सरकार कम पारिवारिक आय वाली छात्राओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी।
खट्टर ने सोनीपत में हुए एक कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य में 1.8 लाख रुपये तक की पारिवारिक आय वाली लड़कियों को स्नातकोत्तर तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी।
लाभ
निजी संस्थानों से पढ़ने वाली छात्राओं को भी मिलेगा योजना का लाभ
खट्टर सोमवार को सोनीपत स्थित जीवीएम महिला कॉलेज के ड्रीम प्रोजेक्ट इंद्रधनुष का लोकार्पण करने पहुंचे थे और इसी दौरान उन्होंने यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बहन-बेटियों की शिक्षा के लिए समर्पित रूप से प्रयासरत है और यह भी साफ कि लड़कियां भले ही निजी शिक्षण संस्थानों से शिक्षा ग्रहण करें या राजकीय संस्थानों से शिक्षा लें, सरकार उन्हें इस सुविधा का लाभ जरूर देगी।
कॉलेज
हरियाणा के हर 20 किलोमीटर क्षेत्र में सरकार ने स्थापित किए कॉलेज- खट्टर
खट्टर ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए बेटियों को दूर न जाना पड़े, इसके लिए हर 20 किलोमीटर क्षेत्र में कॉलेज स्थापित किए हैं।
उन्होंने कहा कि जहां यह सुविधा नहीं है, वहां 150 किलोमीटर तक नि:शुल्क बस पास की सुविधा दी गई है और इसके लिए स्पेशल 150 महिला बसें चलाई गई हैं।
उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार में बेटियों की शिक्षा में कोई अड़चन नहीं आने दी जाएगी।
लिंगानुपात
हरियाणा में लिंगानुपात को 950 पर लेकर जाने का लक्ष्य
खट्टर ने अपने संबोधन में कहा कि समाज के माथे पर लगे कन्या भ्रूण हत्या रूपी कलंक को धोने के लिए पानीपत की धरती से 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की शुरुआत की गई थी, ताकि लिंगानुपात में सुधार हो सके।
उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश में लिंगानुपात 871 प्रति 1,000 था और सबके प्रयासों से सुधार के बाद अब लिंगानुपात 924 पर पहुंच चुका है।
उन्होंने कहा कि इससे 950 करने का लक्ष्य तय किया गया है।
नियम
नियम 134A को खट्टर सरकार ने किया खत्म
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने इस शैक्षिक सत्र का पहला बड़ा फैसला भी ले लिया है।
हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है, "हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003 से नियम 134A को हटा दिया गया है।"
नियम 134A के अनुसार, निजी स्कूल योग्य छात्रों से सरकारी स्कूलों में ली जाने वाली फीस के बराबर फीस ही ले सकते थे।