लखनऊ: मदरसे से भागने पर बच्चों को जंजीरों से जकड़ा, पुलिस ने कराया रिहा
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक मदरसे में बच्चों को जंजीरों से बांधकर रखने का मामला सामने आया है।
यह मामला गोसाईंगंज शिवरल स्थित सुफ्फामदीनतुल उलमा मदरसे का है, जहां दो छात्रों को भागने से रोकने के लिए मौलाना ने उनके पैरों में जंजीरें डालकर ताला लगा दिया।
छात्र बड़ी मुश्किल से जब भागकर पास के गांव में पहुंचे तो यह दरिंदगी सामने आई।
फिलहाल मामला पुलिस के पास पहुंच गया है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मदरसे में पढ़ने वाले दो छात्रों शहबाज और राजू का मन पढ़ाई में नहीं लगता था।
इसलिए दोनों छात्र एक बार मदरसे से भागकर चले गए थे। इसके बाद मौलाना इन्हें ढूंढकर लाए और इनके माता-पिता को खबर दी। परिजनों ने मौलाना से कहा कि वो छात्रों के साथ कड़ाई से पालन आ सकते हैं।
इसके बाद मौलाना ने अमानवीय हरकत करते हुए छात्रों के पैरों में जंजीरें डाल दीं।
जानकारी
जंजीरों समेत भागकर गांव पहुंचे छात्र
शुक्रवार को ये दोनों छात्र बड़ी मुश्किल से पैरों में जंजीरों के साथ पास के गांव में पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने उनके पैरों में पड़ी जंजीर पड़ी देख इन्हें रोक लिया।
इनसे पूछताछ के बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किया और इस दौरान कुछ लोगों ने उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
छात्रों ने मौलाना पर आरोप लगाया कि वो उन्हें बांधकर रखते हैं और बेंत से पिटाई करते हैं।
जानकारी
छात्रों के शरीर पर मिले पिटाई के निशान
छात्रों के हाथ और पैर आदि कई जगहों पर बेंत से पिटाई के निशान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पाठ याद नहीं करने पर शिक्षक उनकी बुरी तरह पिटाई करते हैं। इसी वजह से ये निशान पड़े हैं।
कार्रवाई
परिजनों ने मदरसे के खिलाफ कार्रवाई से किया इनकार
सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों के परिजनों को थाने में बुलाया। यहां एक छात्र के पिता ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई नहीं करता है। वह पहले भी मदरसे से भाग चुका है। इसलिए उन्होंने ही मौलाना को उसके साथ सख्ती बरतने को कहा था।
दोनों ही छात्रों के परिजनों ने पुलिस से मदरसे के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को कहा है।
आवेदन न मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
चर्चा में हैं मदरसे
पिछले कुछ दिनों से मदरसे चर्चा का विषय बने हुए हैं। इसी महीने उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला किया था कि अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा।
इससे पहले बीते महीने योगी आदित्यनाथ सरकार ने आधुनिक मदरसा योजना के तहत राज्य में मदरसों की जांच के निर्देश दिए थे।
वहीं हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि जब तक बच्चे मदरसे जाएंगे, तब तक वो डॉक्टर-इंजीनियर नहीं बन पाएंगे।