खबरों के लिए व्हाट्सऐप और फेसबुक का हो रहा व्यापक उपयोग, टेलीविजन पर भरोसा कम- रिपोर्ट
भारत में बढ़ते इंटरनेट के इस्तेमाल और स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या के बीच लोगों की सोच में भी बड़ा फर्क नजर आने लगा हैं। जहां पहले लोग देश और दुनिया की खबरों को जानने के लिए टेलीविजन पर आने वाले समाचार चैनलों का उपयोग करते थे, वहीं अब व्हाट्सऐप, फेसबुक और यूट्यूटब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा रहा है। रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की ओर से जारी की गई एक वार्षिक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
सबसे मजबूत मोबाइल केंद्रित बाजार बनकर उभरा है भारत
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म की ओर से किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण में सामने आया है कि भारत सबसे मजबूत मोबाइल केंद्रित बाजार बनकर उभरा है। भारत में लोग खबरों के लिए व्हाट्सऐप, फेसबुक और यूट्यूटब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सबसे अधिक उपयोग कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 73 प्रतिशत यूजर्स स्मार्टफोन जरिए और 37 प्रतिशत कंप्यूटर के जरिए विभिन्न तरह की खबरें प्राप्त करते हैं।
सस्ता इंटरनेट और स्मार्टफोन है प्रमुख कारण
रिपोर्ट में कहा गया है कि खबरों के लिए कंप्यूटर की तुलना में स्मार्टफोन के अधिक उपयोग के पीछे प्रमुख कारण सस्ता इंटरनेट डाटा और स्मार्टफोन है। यही कारण है कि वर्तमान में 60 करोड़ सक्रिय इंटरनेट यूजर्स केवल मोबाइल फोन के जरिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं। सर्वे में आधो से ज्यादा उत्तरदाताओं ने कहा है कि वह समाचार या अन्य खबरें हासिल करने के लिए व्हाट्सऐप, फेसबुक या यूट्यूब का सबसे अधिक इस्तेमाल करते हैं।
सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग से बढ़ी फर्जी खबरों की समस्या
रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में शामिल उत्तरदाताओं में से 59 प्रतिशत जो भारत में मुख्य रूप से अंग्रेजी बोलने वाले ऑनलाइन यूजर्स हैं ने खबरों के लिए टेलीविजन के इस्तेमाल की बात कही है। इनमें से 82 प्रतिशत का कहना था कि वह सोशल मीडिया सहित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अधिक खबरें हासिल करते हैं। ऐसे में खबरों के लिए सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग से फर्जी खबरों और अभद्र भाषा के इस्तेमाल की बड़ी समस्या सामने आई है।
फेसबुक को माना जाता है झूठी खबरें फैलाने वाला प्लेटफॉर्म- न्यूमैन
रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म के वरिष्ठ शोध सहयोगी निक न्यूमैन ने रिपोर्ट में कहा, "फेसबुक को लगभग सभी जगह झूठी खबरें फैलाने के लिए मुख्य चैनल के रूप में देखा जाता है, लेकिन व्हाट्सऐप जैसे मैसेजिंग ऐप को ग्लोबल साउथ के कुछ हिस्सों जैसे ब्राजील और इंडोनेशिया में एक बड़ी समस्या के रूप में देखा जाता है।" ऐसे में कहा जा सकता है सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग से फर्जी सूचनाओं का तेजी से प्रसार होता है।
खबरों के लिए प्रिंट ब्रांड है अधिक भरोसेमंद
रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल न्यूज रिपोर्ट 2021 के अनुसार खबरों के लिए समग्र रूप से टेलीविजन सबसे लोकप्रिय स्रोत है, लेकिन लोगों का प्रिंट ब्रांड पर अधिक भरोसा है। इसका प्रमुख कारण उसमें अधिक ध्रुवीकरण और सनसनीखेज समाचारों का होना है। हाल के टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट (TRP) हवाला देते हुए रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि रिपब्लिक टीवी की लोकप्रियता के बावजूद पुराने प्रिंट ब्रांडों के आगे टेलीविजन ब्रांडों पर कम विश्वास है।