कोरोना की वैक्सीन लेने से पहले और बाद में ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
सरकार की ओर से लोगों को कोरोना वायरस महामारी से बचाने के लिए मेगा वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अब तक कुल 1,66,16,048 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। सरकार ने काम ली जा रही दोनों वैक्सीनों के सुरक्षित होने का दावा किया है। हालांकि, कुछ लाभार्थियों में हल्के साइड इफेक्ट्स देखने को मिले हैं। ऐसे में यहां जानते हैं कि वैक्सीन लेने से पहले और बाद में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
भारत में कौनसी वैक्सीन की जा रही है इस्तेमाल?
वर्तमान में भारत में वैक्सीनेशन अभियान में दो वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही है। इसमें एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' शामिल है। इसी तरह अब अन्य वैक्सीनों पर भी विचार किया जा रहा है।
कुछ दवाओं से एलर्जी की शिकायत होने पर क्या करें?
यदि आपको कुछ दवा या इंजेक्शन से एलर्जी है तो आपके लिए एक चिकित्सक से सलाह लेना बहुत जरूरी है। वह आपने वैक्सीन लगवाने से पहले आपकी पूर्ण रक्त गणना (CBC), सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) और इम्युनोग्लोबुलिन-ई (IGE) की जांच करवा सकता है। इसके अलावा आपको कोरोना वैक्सीन की खुराक लेने से पहले अच्छी तरह से खाना खाना होगा और पहले से चल रही दवाइयों को आवश्कय रूप से लेना होगा।
क्या वैक्सीन लगवाने के बाद शराब के सेवन से बचना चाहिए?
वैक्सीन लगवाने के बाद शराब पीने के संबंध में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि विशेषज्ञों को शराब से वैक्सीन की प्रभाविकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के अभी तक कोई सुबूत नहीं मिले हैं।
क्या कोरोना वैक्सीन महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सोशल मीडिया पर कोरोना वैक्सीन लेने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित होने या बांझपन का खतरा होने की खबरे चल रही है। ये खबरें पूरी तरह से झूठी और निराधार है। उपलब्ध वैक्सीनों में से किसी से भी ऐसा दुष्प्रभाव नहीं होता है। मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीनों का पहले जानवरों पर परीक्षण किया जाता है और उसके बाद इंसानों के काम ली जाती है। इस तरह की सभी खबरे महज अफवाह है।
हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमित होने पर क्या करें?
आपको वैक्सीन लेने से पहले पर्याप्त आराम करना चाहिए तथा चिंता और तनाव से दूर रहना चाहिए। कैंसर के रोगियों, विशेष रूप से कीमोथेरेपी से गुजरने वाले लोगों को चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। इसी तरह प्लाज्मा थेरेपी और एंटीबॉडी प्राप्त कर चुके कोरोना संक्रमितों या डेढ महीने पहले ही संक्रमित होने वाले लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए लंबा इंतजार करने की जरूरत होती है। इस दौरान कोई परेशानी होने पर चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
रक्तस्राव या खून के जमने की समस्या वाले रोगियों को क्या करना चाहिए?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने रक्तस्राव या खून के जमने की बीमारी वाले लोगों को वैक्सीन लगवाने में सावधानी बरतने की सलाह दी है। मंत्रालय के अनुसार कुछ लोगों में हेमोफिलिया की बीमारी होती है। ऐसे में उन्हें अपने चिकित्सक की सलाह पर वैक्सीन लगवानी चाहिए। इसी तरह ICU में भर्ती मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने तक वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। उच्च रक्तचाप, शुगर, क्रोनिक किडनी, हृदय रोग से ग्रसित लोग भी डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन लगवा सकते हैं।
वैक्सीन लगवाने के बाद क्या करना चाहिए?
आपको वैक्सीन लगवाने के तुरंत बाद अस्पताल को नहीं छोड़ना चाहिए। वैक्सीन लगवाने के करीब 30 मिनट बाद तक आपकी निगरानी बहुत अधिक आवश्यक है। ऐसे में यदि आपके कोई एलर्जी या अन्य साइड इफेक्ट्स सामने आते हैं तो तत्काल उपचार किया जा सकता है। इंजेक्शन क्षेत्र में दर्द और बुखार जैसे साइड इफेक्ट आम हैं। इसी तरह ठंड लगने और थकान महसूस होना भी सामान्य बात है। ये प्रभाव कुछ दिनों में खत्म हो जाते हैं।
क्या आपको वैक्सीन लगवाने के बाद भी सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए?
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वायरस के खिलाफ सुरक्षा या प्रतिरक्षा बनाने के लिए वैक्सीन लगने के कुछ सप्ताह बाद शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है। इसका मतलब यह है कि वैक्सीन लेने के कुछ समय बाद भी आप कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में कोरोना वायरस से संबंधित सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। इनमें मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और साफ-सफाई प्रमुख सावधानियां हैं।
भारत में 1 मार्च से शुरू हुआ वैक्सीनेशन अभियार का दूसरा चरण
बता दें देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी। इसमें स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वैक्सीन लगाई जा रही थी। इसके बाद सरकार ने 1 मार्च से दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,11,56,923 है। इनमें से 1,57,435 लोगों की मौत हो चुकी है।